RCB vs KKR, Suyash Sharma Story: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में हर साल कई खिलाड़ी रातों-रात स्टार बन जाते हैं. कोई गेंद से तो कोई बल्ले से कमाल दिखाता है... ऐसा ही एक युवा खिलाड़ी है जिसने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए धमाल मचा दिया. दिल्ली के भजनपुरा के रहने वाले इस क्रिकेटर के संघर्ष की कहानी आपको रुला भी सकती है.


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इंपैक्ट प्लेयर ने मचाया धमाल


रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ गुरुवार रात केकेआर की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ सुयश शर्मा का क्रिकेट के भ्रष्ट माहौल में कोई ‘गॉडफादर’ नहीं है. वह दिल्ली के मिडिल-क्लास परिवार से ताल्लुक रखते हैं. इस लेग स्पिनर ने अभी तक अपनी काबिलियत के बूते सफलता हासिल की है. पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके में रहने वाले 19 साल के सुयश शर्मा ने कोलकाता की टीम की ओर से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में डेब्यू किया और 30 रन देकर 3 विकेट झटके. केकेआर ने मुकाबले में 81 रनों से जीत हासिल की.


पिता को है कैंसर


मध्यम वर्ग के परिवार की अपनी ही दिक्कतें होती हैं. फिर सुयश के पिता कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन उन्होंने ‘गॉडफादर’ के नहीं होने, तमाम परेशानियों और तनाव के बावजूद क्रिकेट की चुनौतियों से निपटना जारी रखा. सुयश ने आरसीबी के खिलाफ मैच में अपनी लेग ब्रेक और गुगली से विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक और अनुज रावत के अलावा ऑलराउंडर कर्ण शर्मा के विकेट झटके. दिल्ली के कोच रणधीर सिंह ने सुयश के सफर के बारे में बात की.


कोच ने खोला राज


कोच रणधीर सिंह ने पीटीआई से कहा, ‘सुयश के लिए यह सफर आसान नहीं रहा. वह दिल्ली के पूर्व स्पिनर सुरेश बत्रा का शिष्य थे और उनके क्लब के लिए खेलते. कोविड-19 के कारण हमने सुरेश जी को गंवा दिया और फिर वह (सुयश) मेरे पास आए क्योंकि वह प्रैक्टिस चाहते थे. मैंने डीडीसीए (दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ) लीग में अपने मद्रास क्लब में और ओपन टूर्नामेंट में ‘रन-स्टार’ क्लब में खेलने का मौका दिया. पिछला एक साल सुयश के लिए काफी परेशानी भरा रहा क्योंकि वह संपन्न परिवार से नहीं हैं.'


मुंबई इंडियंस के अधिकारी ने की मदद


रणधीर सिंह ने कहा, ‘सुयश के पिता को कैंसर होने का पता चला लेकिन मुझे लगता है कि वह हमेशा दिल्ली के पूर्व स्पिनर और मुंबई इंडियंस के मौजूदा मैनेजर (टैलेंट स्काउट) राहुल सिंघवी का कर्जदार रहेगा जिन्होंने पिता के उपचार में उनकी काफी मदद की. राहुल की बदौलत सुयश के पिता का इलाज मुंबई में किया गया. वह भी मुंबई इंडियंस के ट्रायल्स में शामिल हुआ.’


क्लब से खेलने पर नहीं मिलते थे पैसे


सिंह ने आगे कहा, ‘हमने सुयश को कुछ भी भुगतान नहीं किया है क्योंकि दिल्ली क्लब क्रिकेट में किसी को एक भी पैसा नहीं दिया जाता. अगर आप पेशेवर हो, भारत के लिए खेल रहे हो और खेलने के लिए अनुरोध किया गया है तो ही खिलाड़ी को कुछ वित्तीय लाभ होता है.’ बता दें कि कोलकाता, चेन्नई या मुंबई की तरह दिल्ली का क्लब क्रिकेट इतना लुभावना नहीं है क्योंकि कोई भी क्लब खिलाड़ी को कोई भुगतान नहीं करता है और यहां कोई आधिकारिक अनुबंध भी नहीं कराया जाता. (PTI से इनपुट)


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