नई दिल्ली : आईपीएल के 11वें संस्करण का फाइनल चेन्नई और हैदराबाद के बीच खेला गया. क्रिकेट के बड़े बड़े दिग्गज इसे सबसे कठिन फाइनल मान रहे हैं. दोनों ओर ऐसी टीमें हैं, जो किसी भी कीमत पर हार मानने के लिए तैयार नहीं होतीं. और दोनों की ही ऐसी खूबियां हैं, जो उन्हें हर जगह खास बनाती हैं. फिर भी कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिसके कारण इस फाइनल को अब तक का सबसे कठिन आईपीएल फाइनल कहा जा रहा है. यही कारण रहा कि देश में ही नहीं दुनिया भर में ये फाइनल देखा गया.


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क्रिकेट की बात हो तो सबसे पहले नाम आता है लॉर्ड्स का. आईपीएल 2018 के फाइनल का क्रेज कुछ इस तरह का रहा कि इसे देखने के लिए लोग लॉर्ड्स में भी पीछे नहीं रहे. यहां भी लोगों ने बड़ी स्क्रीन पर आईपीएल फाइनल का मजा लिया. यहां बड़ी संख्या में क्रिकेट लवर्स मैच देखने के लिए दिखाई दिए.



फाइनल में एक भी इंग्लिश खिलाड़ी नहीं
गौर करने वाली बात ये है कि फाइनल में चेन्नई और हैदराबाद की टीमें सामने थीं, लेकिन इनमें एक भी खिलाड़ी इंग्लैंड से नहीं था. इंग्लैंड के खिलाड़ी वापस अपने देश लौट चुके हैं. क्योंकि वहां पर पाकिस्तान के साथ टेस्ट सीरीज शुरू हो चुकी है.



लॉर्ड्स में था पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट
दरअसल लॉर्ड्स में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच खेला जा रहा था. रविवार को पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 9 विकेट से हरा दिया. अपने गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर पाकिस्तान ने जीत हासिल कर दो मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली. पाकिस्तान ने इंग्लैंड को पहली पारी में 184 रन पर ऑल आउट कर दिया और फिर अपनी पहली पारी में 363 रन बनाकर 179 रन की बढ़त कर ली. इंग्लैंड की टीम दूसरी पारी में 242 रन ही बना सकी जिसके बाद पाकिस्तान को दूसरी पारी में जीत के लिए 63 रनों का लक्ष्य मिला जो उसने एक विकेट खोकर हासिल कर लिया.