हैदराबाद: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के इतिहास में लंबे समय (करीब 9 साल) बाद ऐसा हुआ कि चेन्नई की टीम मैदान पर तो उतरी, लेकिन अपने कप्तान एमएस धोनी के बिना. इस सीजन के 33वें मैच में हैदाराबाद के खिलाफ चेन्नई की टीम को उसी के घर में हराने की चुनौती थी तब मैच से पहले खबर आई कि एमएस धोनी की पीठ में दर्द है और वे इस मैच में नहीं खेलेंगे. टीम की कप्तानी की कमान सुरेश रैना को मिली, लेकिन वे केन विलियमसन के आगे बेबस नजर आए और टीम हार गई. रैना ने मैच के बाद हार के कारणों का खुलासा किया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस बात ने खोल दी आंखे 
हैदराबाद के हाथों मिली छह विकेट की हार के बाद रैना ने कहा है कि यह हार टीम की आंखें खोलने के लिए काफी है. इस मैच में रैना ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था, जिसके बाद चेन्नई की टीम हैदाराबाद को केवल 134 रन का मामूली लक्ष्य ही दे सकी थी.  चेन्नई क बल्लेबाज शुरू से ही विकेट बचाने पर जोर देते रहे लेकिन वे ये भूल गए कि बाद में रनों की भरपाई करने वाले धोनी इस मैच में नहीं खेल रहे हैं. 


यह भी पढ़ें: IPL-12: चेन्नई को लगा बड़ा झटका, चोटिल एमएस धोनी हैदराबाद के खिलाफ नहीं उतरे


शेन वाटसन और फाफ डु प्लेसिस की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 79 रन जोड़े लेकिन उन्होंने इसके लिए 59 गेंदें खेल डाली. रैना ने मैच के बाद कहा, "मुझे लगता है कि हमें और ज्यादा स्ट्राइक रोटेट करना चाहिए था. हमने 30 रन कम बनाए. लेकिन यह हार टीम की आंखें खोलने की लिए काफी है." 10वें ओवर की पांचवीं गेंद पर वाटसन और उसके अगले ओवर की दूसरी गेंद पर डु प्लेसिस के विकेट गिरने से रैना और रायडू दबाव में आ गए. 


धोनी पर निर्भरता दिखी टीम में
टीम में बेशक धोनी की कमी न केवल बल्लेबाजी में खली बल्कि कप्तानी और मनोबल पर भी उसका असर दिखा. पिच के मिजाज को देखते हुए यह तो तय लग ही रहा था कि मैच लो स्कोरिंग ही होगा. लेकिन रैना और केदार जाधव भी मिडिल ओवर्स में रनों की गति को बढ़ा नहीं सके और 14वें ओवर में दोनों के 100 रन से पहले ही आउट होने से दबाव बढ़ गया. बेशक इसमें हैदाराबाद के गेंदबाजों का योगदान बहुत खास रहा क्योंकि उन्होंने शुरू से ही चेन्नई के दिग्गज बल्लेबाजों को खुल कर खेलने नहीं दिया.  



आखिरी 30 गेदों पर 30 रन बने
15वें ओवर में सैम बिलिंग्स के आउट होने के बाद रायडू और जडेजा ने भी आखिरी 5 ओवर में बहुत धीमी बल्लेबाजी की और आखिरी तीस गेंदों में वे केवल 30 रन ही बटोर सके. जिसके बाद यह स्कोर चेन्नई के लिए डिफेंड करना मुश्किल  हो गया. रैना का यह कहना कि उनकी टीम को 30 रन कम पड़े, उतना सही लगा नहीं. इसकी वजह यह रही कि160 रन का लक्ष्य हैदराबाद पर दबाव ला सकता था, लेकिन जिस अंदाज में हैदाराबाद की बल्लेबाजी हुई, वह 160 का लक्ष्य क्षी आसानी से ही हासिल हो जाता. 


क्या हैदराबाद ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया
हैदराबाद की बल्लेबाजी आसान तो हो गई थी, लेकिन इसके बाद भी उसने तेजी से रन बनाने के चक्कर में तीन विकेट गंवा दिए. फिर भी गेंदबाजी में भी हैदराबाद की टीम चेन्नई पर भारी ही पड़ी और बल्लेबाजी में भी यही हाल रहा. यही वजह है कि 133 रनों का लक्ष्य केवल 17वें ओवर में ही हासिल कर लिया गया. जिसमें वार्नर और बेयरस्टॉ ने 58 रन ठोक डाले. 


यह भी पढ़ें: लक्ष्मण और रायडु: जानिए, वर्ल्डकप टीम इंडिया से बाहर होने का ‘कॉमन फैक्टर’


अगले मैच में खेल सकते हैं धोनी
इस मैच के दौरान एमएस धोनी ड्रेसिंग रूम में नजर तो आए लेकिन कई बार वे अपने पीठ के दर्द से असहज होकर कमर सीधी भी करते दिखाई दिए. लेकिन धोनी की गैरमौजूदगी में इस मैच में कप्तानी करने वाले रैना ने कहा, "धोनी अब फिट हैं और वह अगले मैच में खेल सकते हैं." वहीं रैना ने मैच में दो विकेट लेने वाले इमरान ताहिर की तारीफ करते हुए कहा, "ताहिर हमें अधिक विकेट दिला रहे हैं और उन्होंने आज भी ऐसा ही किया. आपको जब भी विकेट की जरूरत होती है, आप उन्हें गेंद दीजिए, वह आपको विकेट निकालकर देंगे." 


(इनपुट आईएएनएस)