Rinku Singh Story: IPL 2023 में गुजरात टाइटंस के खिलाफ रविवार को खेले गए मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स को लगातार पांच छक्के जड़कर जीत दिलाने वाले रिंकू सिंह अचानक हीरो बन गए हैं. रिंकू सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के बेहद सामान्य परिवार से आते हैं. रिंकू सिंह की कहानी ने हर किसी को भावुक कर दिया है. रिंकू सिंह के लिए क्रिकेटर बनने का सफर बहुत मुश्किल रहा हैं, क्योंकि सिर्फ पेट पालने के लिए उनके पिता घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाने का काम करते थे. परिवार को कर्ज के बोझ से बाहर निकालने के लिए रिंकू सिंह भी नौकर का काम कर चुके हैं. रिंकू सिंह पोछा लगाने का काम भी करते थे.


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पेट पालने के लिए पिता करते थे ये मुश्किल काम


रिंकू सिंह के पिता खानचंद्र सिंह एक LPG गैस सिलेंडर वितरण कंपनी में काम करते थे. रिंकू सिंह ने अपने शुरुआती साल अपने माता-पिता और चार भाई-बहनों के साथ अलीगढ़ स्टेडियम के पास दो कमरों के क्वार्टर में बिताए. वह उत्तर प्रदेश की U-16, U-19 और U-23 टीमों के लिए खेलते हुए आयु-समूह प्रतियोगिताओं के माध्यम से आए हैं.


इस तरह KKR के चैंपियन क्रिकेटर बने रिंकू सिंह


25 वर्षीय रिंकू सिंह, जो 2018-19 रणजी ट्रॉफी के ग्रुप चरणों में नौ मैचों में 803 रन बनाकर यूपी के लिए अग्रणी रन-स्कोरर थे, उन्हें पहली बार आईपीएल 2017 के लिए किंग्स इलेवन पंजाब द्वारा चुना गया था और अगले साल, उन्होंने केकेआर से 80 लाख की डील हासिल की. हालांकि, वह तीन सत्रों में फैले केवल 10 मैचों का प्रबंधन कर सके, क्योंकि वह 2021 के आईपीएल में घुटने की चोट के कारण चूक गए थे, लेकिन केकेआर द्वारा 2022 की नीलामी में एक बार फिर से चुना गया. रविवार को उन्होंने अपनी टीम को यादगार जीत दिलाने में मदद करके उस निराशा की भरपाई की.


गुजरात के हाथों से शर्तिया जीत छीन ली


गुजरात टाइटंस के खिलाफ रविवार को खेले गए मैच में रिंकू सिंह ने पारी के आखिरी ओवर में लगातार पांच छक्के ठोकते हुए कोलकाता नाइट राइडर्स को तीन विकेट से रोमांचक जीत दिला दी. रिंकू सिंह ने मात्र 21 गेंदों में एक चौके और छह छक्कों की मदद से नाबाद 48 रन की मैच विजयी पारी खेली और गुजरात के हाथों से शर्तिया जीत छीन ली. क्रिकेट में क्या कुछ नहीं हो सकता है. क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है, आज यह फिर से साबित हो चुका है. रिंकू सिंह की यह पारी सालों साल याद रखी जाएगी. 


रिंकू के प्रहार की गूंज सालों तक याद रहेगी


राशिद ने एक तरफ जहां हैट्रिक लेकर मैच को कोलकाता से काफी दूर लेकर चले गए थे, वहीं रिंकू ने अंतिम ओवर में ऐसा प्रहार किया जिसकी गूंज काफी सालों तक याद रहेगी. कोलकाता को जीत के लिए आखिरी ओवर में 29 रन की जरूरत थी. यह ओवर डालने की जिम्मेदारी यश दयाल को सौंपी गई. उनकी पहली गेंद पर एक रन बना और स्ट्राइक पर रिंकू आ गए. उन्होंने अगली गेंद पर छक्का मारा और यह सिलसिला आखिरी गेंद तक चलता रहा. रिंकू ने जैसे ही अंतिम गेंद पर छक्का मारा टीम के सभी साथियों ने डग आउट से भागकर उन्हें गले लगा लिया. (With IANS Inputs)


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