नई दिल्ली : सीमित ओवरों के क्रिकेट में कलाई के स्पिनरों के बढ़ते दबदबे के बीच महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि लेग स्पिन गेंदबाजी करने वाला आफ स्पिनर कई भाषा बोलने वाले व्यक्ति की तरह है. तेंदुलकर ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन निश्चित तौर पर उनकी इस टिप्पणी से रविचंद्रन अश्विन का हौसला बढ़ेगा जो सीमित ओवरों के प्रारूप में राष्ट्रीय टीम में वापसी करने के लिए कलाई से स्पिन कराने के कौशल को आजमा रहे हैं. 


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 मंगलवार को अपना 45 वां जन्मदिन मना रहे तेंदुलकर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इससे सिर्फ मदद ही होगी. यह इस तरह है कि आपको दो से तीन अलग-अलग भाषाएं आती हैं. अब पांच या छह अलग अलग भाषाएं जानने में कोई समस्या नहीं है. इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा.’’ 


उन्होंने कहा, ‘‘यह अधिक विविधताएं खोजने की तरह ही है. यह कहना गलत होगा कि वे (अंगुली के स्पिनर) लेग स्पिन गेंदबाजी करके इस श्रृंखला में शामिल हो रहे हैं. नहीं, ऐसा नहीं है. इसकी जगह हमें ऐसे देखना चाहिए कि उन्होंने एक गेंद का विकास करने के लिए प्रयास किया है.’’ 


लेग स्पिन एक अतिरिक्त हथियार हो सकती है
आफ स्पिनरों के प्रयास व्यर्थ है इस नजरिये के बारे में पूछने पर तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह लोगों की गलत सोच है (कि आफ स्पिनर लेग स्पिन नहीं कर सकते). मैं यहां खिलाड़ियों को दोष नहीं दे रहा. मैं यहां लोगों (धारणा) को दोष दे रहा हूं. लेग स्पिन आपके लिए तरकश का एक और तीर हो सकती है.’’ 


उन्होंने कहा, ‘‘लोग आफ स्पिन गेंदबाजी कर सकते हैं लेकिन अगर आफ स्पिन के साथ वे विविधता के तौर पर लेग स्पिन फेंकने में सक्षम हैं तो फिर क्यों नहीं ऐसा किया जाए.’’ इस महान बल्लेबाज का मानना है कि अगर कोई सही लेग ब्रेक कर सकता है तो इसे उसका मजबूत पक्ष माना जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘अगर आफ स्पिनर के दूसरा फेंकने को उसका हथियार माना जाता है तो स्थिति की मांग के अनुसार वह लेग ब्रेक करता है तो इसे उसकी कमजोरी नहीं समझना चाहिए. इसकी जगह अगर वह इसे अच्छी तरह करता है तो इसे उसका मजबूत पक्ष समझा जाना चाहिए.’’ 



तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैं अपने बारे में बात कर सकता हूं. मैचों के दौरान मैं बायें हाथ के बल्लेबाजों को आफ स्पिन और दायें हाथ के बल्लेबाजों को लेग स्पिन गेंदबाजी करता था. अगर आप ऐसा करने में सक्षम हैं तो ऐसा क्यों ना किया जाए.’’ 



बल्लेबाज लेग ब्रेक और गुगली के बीच का फर्क नहीं समझ पा रहे हैं
युवा बल्लेबाजों की लेग स्पिन को समझने में नाकामी पर तेंदुलकर का मानना है कि मौजूदा गेंदबाजों ने बल्लेबाजों को सोचने के लिए मजबूर किया है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह कहना सही होगा कि बल्लेबाज लेग ब्रेक के बीच में गुगली को नहीं समझ रहे. बल्लेबाज आउट स्विंग गेंद को देख लेता है लेकिन इसके बावजूद बल्ले का किनारा लग जाता है.’’ 


तेंदुलकर ने कहा, ‘‘गलतियां करना मानवीय है. लेकिन मैं सहमत हूं कि लेग स्पिनरों ने आज के बल्लेबाज को अधिक सोचने के लिए बाध्य किया है.’’ आईपीएल में मुंबई के युवा लेग स्पिनर मयंक मार्कंडेय सत्र की खोज रहे और तेंदुलकर ने पंजाब के इस युवा गेंदबाज की तारीफ की. मुंबई के मेंटर तेंदुलकर ने कहा, ‘‘लेग स्पिनरों ने बल्लेबाजों को सोचने के लिए मजबूर किया है. मयंक ने भी ऐसा किया है और बल्लेबाजों को उस पर अधिक ध्यान देना पड़ रहा है. यह मयंक की क्षमता की तारीफ है कि वह अपनी गुगली से इतनी अच्छी तरह छकाने में सफल रहा है. यह सराहनीय है.’’ 


बल्लेबाज लेग स्पिनरों के खिलाफ तैयारी कर सकते हैं
तेंदुलकर का हालांकि मानना है कि अगर इच्छाशक्ति है तो बल्लेबाज लेग स्पिनरों के खिलाफ तैयारी कर सकते हैं जैसे उन्होंने 1998 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला से पहले शेन वार्न से निपटने के लिए की थी. वर्ष 1989 में 19 बरस की उम्र में भारत की ओर से पदार्पण करने वाले तेंदुलकर ने तब से अब तक विश्व क्रिकेट में काफी बदलाव देखे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘बदलाव ही निरंतर प्रक्रिया है. सबसे बड़ा बदलाव टी 20 क्रिकेट और क्रिकेट प्रेमी जनता पर इसका असर है.’’ 



तेंदुलकर ने कहा, ‘‘जब मैंने खेलना शुरू किया तो काफी समय तक सफेद कपड़ों में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला. लेकन अब आईपीएल में भी पहले तीन साल की तुलना में क्रिकेट का स्तर बदल गया है.’’ यह पूछने पर कि क्या अगर आईपीएल 1990 या 1991 में शुरू हो जाता तो 18 साल का तेंदुलकर अलग तरीके से बल्लेबाजी करता. उन्होंने कहा, ‘‘बेशक, मैं अलग तरह से बल्लेबाजी करता.’’ 


रेगिस्तान का तूफान याद किया जाता है आज भी
तेंदुलकर ने ठीक दो दशक पहले शारजाह में आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने दो शतकों को भी याद किया. पहले शतक को अब भी ‘रेगिस्तान के तूफान’ के नाम से जाना जाता है जबकि दूसरे शतक से भारत के खिताब दिलाया. उन्होंने कहा, ‘‘यह शानदार अहसास है. ये सभी चीजें मेरे जीवन में हुई. मैं भाग्यशाली महसूस करता हूं कि मेरे करियर में ये बेहतरीन लम्हें आए. मुझे लगता है कि शारजाह में हुए वे दो मैच लोगों की यादों में छप गए हैं.’’ 



तेंदुलकर ने बारिश से प्रभावित प्रदर्शनी मैच में अब्दुल कादिर के खिलाफ ताबड़तोड़ बल्लेबाजी पर कहा, ‘‘मैं ने कभी महसूस नहीं किया था कि इस छोटी की पारी का लोगों पर क्या असर होगा. बेशक ऐसे लम्हे हमेशा लोगों के साथ रहते हैं और मैं इसे लेकर खुश हूं.’’ 
(इनपुट भाषा)