Airtel के सीईओ गोपाल विट्टल ने रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया, बीएसएनएल और टाटा टेलीसर्विसिस के हेड को एक लेटर लिखा है. इस लेटर में विट्टल ने कॉमर्शियल कॉलिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कॉर्पोरेट कनेक्शनों के बारे में जानकारी शेयर करने के लिए एक कोलैबरेटिव सिस्टम बनाने का प्रस्ताव किया है. इसका उद्देश्य इन कनेक्शनों के दुरुपयोग की निगरानी और रोकथाम करना है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विट्टल ने पत्र में कहा कि "हम पहला कदम उठाने और डेटा (केवल एंटिटी नाम और एक्टवि नंबर) को मासिक आधार पर उसी टेम्प्लेट में शेयर करने के लिए तैयार हैं और हम आपके सपोर्ट की सराहना करेंगे." यह पत्र रिलायंस Jio के एमडी पंकज पावर, VI के सीईओ अक्षय मूंद्रा, BSNL के सीएमडी रॉबर्ट रवि और Tata Teleservices के एमडी हरजीत सिंह चौहान को भेजा गया था. 


Airtel सीईओ ने पत्र में क्या लिखा है?


विट्टल ने पत्र में कहा कि "जैसे-जैसे टेलीकॉम इंडस्ट्री UCC की बढ़ती चुनौती का सामना करती है, यह स्पष्ट हो गया है कि चल रहे प्रयासों के बावजूद, हमारे ग्राहकों को इस लगातार समस्या से बचाने के लिए ज्यादा मजबूत और यूनिफाइड मैकेनिज्य की आवश्यकता है." उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि TRAI और DoT के निर्देशों के मुताबिक UCC को रोकने के लिए ध्यान प्रभावी समाधान खोजने पर फोकस है. टेलीकॉम इंडस्ट्री में UCC का मतलब अनसोलिसिफाइड कॉमर्शियल कम्यूनिकेशंस है जो कम्यूनिकेशन और कोलैबरेशन टेक्नोलॉजी के कॉम्बिनेशन का वर्णन करता है.


उन्होंने कहा कि "हम दृढ़ता से मानते हैं कि इस मुद्दे से निपटना सभी दूरसंचार ऑपरेटरों के बीच एक संयुक्त प्रयास होना चाहिए, न कि अलग-थलग प्रयास." "आज, इंटरप्राइज कस्टमर्स कई ऑपरेटरों द्वारा सेवा प्राप्त करते हैं, और हम इस तथ्य से अवगत हैं कि स्पैम को संबोधित करने के लिए कोई भी स्वतंत्र प्रयास ग्राहकों के हित में नहीं हो सकता है, क्योंकि इससे सर्विस की क्वलिटी और निरंतरता प्रभावित हो सकती है." 


यह भी पढ़ें - देश का सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट, जहां थोक के भाव मिलता है हर डिवाइस, दबाकर कीजिए शॉपिंग


भारत में स्पैम और फिशिंग मैसेज का बढ़ रहा खतरा 


इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक भारत में हर दिन 1.5-1.7 बिलियन कॉमर्शियल मैसेज भेजे जाते हैं, जो हर महीने कुल 55 बिलियन तक पहुंच जाते हैं. लोकल सर्कल्स के एक सर्वे के मुताबिक दस में से छह कंज्यूमर हर दिन तीन या ज्यादा स्पैम कॉल रिसीव करते हैं, जिसमें फाइनेंशियल सर्विस और रियल एस्टेट सबसे ज्यादा बताए जाते हैं. एक अन्य सर्वे में 76% कंज्यूमर्स ने कहा कि उन्हें रोजाना तीन या ज्यादा स्पैम मैसेज मिलते हैं. नंबर ब्लॉक करने से भी कोई फायदा नहीं होता है.


यह भी पढ़ें - क्या Kamala Harris ने प्रेसिडेंशियल डिबेट में ईयरफोन की लिया सहारा? इंटरनेट पर मचा बवाल


सरकार का निर्देश क्या कहता है?


हाल ही में सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को ऐसी एक्टिविटी में शामिल होने के लिए थोक कनेक्शन का उपयोग करने वाली संस्थाओं को डिस्कनेक्ट करने का निर्देश दिया. पिछले दो सप्ताह में लगभग 350,000 ऐसे नंबर ब्लॉक किए गए हैं और 50 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट किया गया है. भारत का दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेल्कोस से एक दूसरे के साथ ब्लैकलिस्ट की गई संस्थाओं की जानकारी शेयर करने को कहा, ताकि ऐसी संस्थाएं एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर पर स्विच न करें.