नई दिल्ली: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) जल्द ही देश का सबसे वजनी कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-11 लॉन्च करेगा. इसका वजन 5.6 टन है. हालांकि, भारत के पास चार टन से ज्यादा वजनी सैटेलाइट भेजने की क्षमता रखने वाले रॉकेट नहीं हैं. भारत इसे साउथ अमेरिकी आइलैंड फ्रेंच गुयाना से एरियन-5 रॉकेट के जरिए लॉन्च करेगा. सैटेलाइट की कामयाब लॉन्चिंग से भारत के पास खुद का सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट होगा. सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट से हाई स्पीड कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी.


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सैटेलाइट सीरीज का हिस्सा
जीसैट-11 सैटेलाइट इसरो के इंटरनेट बेस्ड सैटेलाइट सीरीज का हिस्सा है. इसका मकसद इंटरनेट स्पीड को बढ़ाना है. इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में 18 महीने में तीन सैटेलाइट भेजे जाने हैं. पहला सैटेलाइट जीसैट-19 जून 2017 में भेजा गया था. जीसैट-11 को इसी महीने भेजा जाएगा. तीसरा सैटेलाइट जीसैट-20 को साल के आखिर तक भेजने की योजना है. 


पूरे देश को हाईस्पीड इंटरनेट मिलेगा
हाईइंटरनेट स्पीड के लिए जीसैट-11 से बेहतर इंटरनेट स्पीड मिलेगी. कनेक्टिवटी सस्ती होगी और पूरे देश में इसका एक्सेस मिल सकेगा. साथ ही इसके तहत बिना डिश लगाए टीवी प्रोग्राम देखे जा सकेंगे. जीसैट-11 से 70 जीबी/सेकंड की हाईस्पीड मिलेगी. साइबर सुरक्षा मजबूत होगी और इससे एक नया सुरक्षा कवच मिलेगा. भारत का बैंकिंग सिस्टम भी मजबूत होगा. 


क्या है जीसैट-11
जीसैट-11 को जनवरी 2018 में लॉन्च किया जाना है. इसकी कुल लागत 1117 करोड़ रुपए है. इसका वजन 5.6 टन है. यह सैटेलाइट जीसैट-19 से भी ज्यादा ताकतवर है. इससे पूरे भारत में 13 जीबी/सेकंड की इंटरनेट स्पीड मिलेगी. पहली बार भारत को अपना सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट मिलेगा.