सरकार कथित तौर पर लैपटॉप और अन्य उपकरणों के लिए इम्पोर्ट ऑथोराइजेशन सिस्टम की वैलिडिटी बढ़ाने की प्लानिंग बना रही है. मुफ्त में अपने डिवाइस इम्पोर्ट करने की अनुमति देने वाला यह सिस्टम पहले 30 सितंबर को समाप्त होने वाला था. लैपटॉप और पीसी निर्माताओं सहित उद्योग के खिलाड़ी भी इस पर अपडेट की प्रतीक्षा कर रहे थे. 


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साल अंत तक बढ़ेगा परमिट


मनीकंट्रोल ने बताया कि सरकार के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि लैपटॉप बनाने वाली कंपनियां, जिनका पहले से आयात का परमिट है, उन्हें उसे बढ़ाने के लिए आवेदन नहीं करना पड़ेगा. ये परमिट साल के अंत तक अपने आप बढ़ जाएगा. मंत्रालय जल्द ही इस बारे में एक नोटिस जारी कर सकता है. अधिकारी ने कहा, 'जिन कंपनियों को पहले ही मंजूरी मिल गई है, उनका परमिट साल के अंत तक वैध रहेगा.'


लैपटॉप मैकर्स की बढ़ गई थी टेंशन


भारत में सामान बनाने को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने अगस्त 2023 में लैपटॉप और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान पर आयात रोक दिया था. लेकिन बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों ने इसका विरोध किया. इसलिए सरकार ने ये रोक हटा दी और सितंबर 2024 तक बिना टैक्स के सामान लाने की इजाजत बढ़ा दी.


बड़ी कंपनियों ने किया था विरोध


बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियां जैसे Apple, HP, Dell, Lenovo, Panasonic और दूसरे ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया. उन्होंने कहा कि इससे उनका काम करने में दिक्कत होगी. इन कंपनियों ने चिंता जताई कि अगर सरकार फिर से लाइसेंस सिस्टम लागू करेगी, तो भारत के टेक उद्योग को नुकसान होगा. साल 2021 में, सरकार ने लैपटॉप और टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान भारत में ही बनाने के लिए पीएलआई स्कीम शुरू की थी. लेकिन कंपनियां इस योजना के तहत लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रही थीं और सरकार को लोगों को कितने सामान की जरूरत है, यह भी देखना था. इसलिए सरकार ने आयात का परमिट सिस्टम शुरू किया.