Online Safety Act: ब्रिटेन ने एक नया कानून बनाया है जिसका नाम है ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट. इस कानून के तहत सोशल मीडिया कंपनियों जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल और टिकटॉक को अपने प्लेटफॉर्म पर हानिकारक और अवैध कंटेंट को हटाने के लिए कड़े नियमों का पालन करना होगा. इस कानून का मकसद ऑनलाइन दुनिया को सुरक्षित बनाना है. यह कानून यूके में लागू हो गया है. 


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क्या है ये ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट?
इस कानून का मकसद लोगों को खासकर बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा प्रदान करना है. ब्रिटेन की मीडिया रेगुलेटर संस्था ऑफकॉम ने कोड ऑफ प्रैक्टिस का पहला सेट पब्लिश किया है. इसके तरह टेक कंपिनियों को आतंकवाद, नफरत फैलाने वाली बातें, धोखाधड़ी और बच्चों के यौन शोषण जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे. 


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कंपनियों को क्या करना होगा?
नए नियमों के तहत कंपनियों को यूजर्स की सुरक्षा के लिए कदम उठाने होंगे. कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर गैरकानूनी कंटेंट के खतरों का पता लगाना होगा और उन्हें कम करने के लिए उपाय करने होंगे. इसके लिए कंपनियों के पास तीन महीने का समय है. कंपनियों को यह काम 16 मार्च 2025 से पहले करना होगा. इसमें कंटेंट मॉडरेशन में सुधार, रिपोर्टिंग प्रक्रिया को आसान बनाना और सेफ्टी फीचर्स को जोड़ना शामिल है. 


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अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो क्या होगा ?
अगर कोई कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करती है, तो उसे अपनी वैश्विक सालाना कमाई का 10% तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. सीरियस वायलेशन में कंपनी की सीनियर अधिकारियों को जेल भी हो सकती है.  यहां तक कि सेवाएं बंद करने का भी आदेश हो सकता है. ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट के तहत आगे भी और कड़े नियम बनाए जाएंगे, जिनमें बच्चों के यौन शोषण से संबंधित कंटेंट को हटाने और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का इस्तेमाल करके अवैध कंटेंट को रोका जाएगा.