Lawrence Bishnoi News: पंजाब सरकार ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पुलिस हिरासत के दौरान दिए गए विवादित साक्षात्कार के मामले में सख्त कदम उठाते हुए पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) गुरशेर सिंह संधू को बर्खास्त करने का फैसला किया है.
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Lawrence Bishnoi News: पंजाब सरकार ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पुलिस हिरासत के दौरान दिए गए विवादित साक्षात्कार के मामले में सख्त कदम उठाते हुए पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) गुरशेर सिंह संधू को बर्खास्त करने का फैसला किया है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को सोमवार को इस फैसले की जानकारी दी गई. यह साक्षात्कार मार्च 2023 में टीवी पर प्रसारित हुआ था, जिसे लेकर कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए थे.
कोर्ट में SIT की रिपोर्ट
पंजाब सरकार ने बताया कि मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम (SIT) की रिपोर्ट के आधार पर डीएसपी गुरशेर सिंह को संविधान के अनुच्छेद 311(2) के तहत बर्खास्त किया गया है. SIT का नेतृत्व स्पेशल डीजीपी प्रबोध कुमार कर रहे हैं, और इसमें एडीजीपी नागेश्वर राव और एडीजीपी नीलाभ किशोर भी शामिल हैं. रिपोर्ट में पुलिस अधिकारियों पर आपराधिक साजिश, भ्रष्टाचार और आईटी अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.
अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई शुरू
पंजाब सरकार ने यह भी बताया कि इस मामले में शामिल अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ "ऑल इंडिया सर्विस रूल्स" के तहत विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है. इन अधिकारियों को मोहाली जिले से ट्रांसफर कर दिया गया है. कोर्ट को यह आश्वासन दिया गया कि अगली सुनवाई में विभागीय जांच के लिए नामों की सूची सील कवर में प्रस्तुत की जाएगी.
पुलिस हिरासत में मिली सुविधाओं पर सवाल
अमाइकस क्यूरी तानू बेदी ने कोर्ट में इस बात को उठाया कि लॉरेंस बिश्नोई को बार-बार पुलिस रिमांड क्यों दिया गया और वह खारड़ स्थित सीआईए स्टाफ के परिसर में पांच महीने तक कैसे रहा. कोर्ट ने पाया कि बिश्नोई ने बठिंडा जेल में केवल दो महीने बिताए और डीजीपी के इस दावे पर भी सवाल उठाए कि साक्षात्कार जेल परिसर में नहीं हुआ.
डीजीपी को फिर से देना होगा जवाब
कोर्ट ने डीजीपी गौरव यादव द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे को "असंतोषजनक" बताया और उनसे चार सप्ताह में नए सिरे से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. इस हलफनामे में बिश्नोई की पुलिस हिरासत और साक्षात्कार की जगह से जुड़ी जानकारी मांगी गई है.
जेलों की सुरक्षा में सुधार
पंजाब सरकार ने जेलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. एडीजीपी (प्रिज़न्स) अरुण पाल सिंह ने बताया कि राज्य की 17 जेलों में 467 मशीनें और 620 स्टैंड लगाए गए हैं. इसके अलावा, 13 संवेदनशील जेलों में से सात में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इस प्रक्रिया को 6 अन्य जेलों में भी लागू किया जाएगा और इसे 5 फरवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
अगली सुनवाई पर क्या होगा?
कोर्ट ने पंजाब पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक को अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने आश्वासन दिया कि जैमर लगाने की अनुमति दी जा चुकी है और आगे के अनुरोधों को तेजी से निपटाया जाएगा. इस मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी.