Credit Card Scam: जब तक लोगों को स्कैम के बारे में पता चलता है तब तक काफी देर हो जाती है और नुकसान हो जाता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां स्कैम में पूरा गैंग इन्वॉल्व था. ये क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने के नाम पर लोगों के साथ फ्रॉड करते हैं. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
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Online Fraud: स्कैमर्स लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं. आए दिन ऑनलाइन फ्रॉड के मामले सामने आते रहते हैं. लोगों का भरोसा जीतने के लिए स्कैमर्क कई तरकीबें अपनाते हैं और उनसे डिटेल्स लेने की कोशिश करते हैं. जब तक लोगों को स्कैम के बारे में पता चलता है तब तक काफी देर हो जाती है और नुकसान हो जाता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां स्कैम में पूरा गैंग इन्वॉल्व था. ये क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने के नाम पर लोगों के साथ फ्रॉड करते हैं. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का वादा
नोएडा पुलिस ने छह लोगों के एक गैंग को गिरफ्तार किया है, जो लोगों को उनके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झूठा वादा करके धोखा दे रहे थे. नोएडा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) मनीष मिश्रा ने बताया कि गैंग ने फोन करके क्रेडिट कार्ड रखने वाले लोगों से कॉन्टैक्ट किया और खुद को बैंक का अधिकारी बताया. इसके बाद लोगों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का ऑफर दिया.
फिशिंग लिंक्स
स्कैमर्स ने लोगों का भरोसा जीतने के लिए उनकी पर्सनल डिटेल्स का इस्तेमाल किया. इसके बाद स्कैमर्स ने लोगों को फिशिंग लिंक्स भेजे जो उन्हें नकली वेबसाइट्स पर ले गए. ये वेबसाइट्स बैंक की असली वेबसाइट्स जैसी लगती थी.
इसके बाद पीड़ितों को नकली वेबसाइट्स से एक ऐप डाउनलोड करने का निर्देश दिया गया. ऐप ने उन्हें सेंसिटिव डेटा दर्ज करने के लिए कहा गया, जिसमें क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, ईमेल एड्रेस, पैन और आधार कार्ड नंबर, वर्तमान क्रेडिट लिमिट, एक्सपायरी डेट और सीवीवी नंबर शामिल था.
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गैंग ने की शॉपिंग
एडीसीपी मिश्रा ने ने कहा, "चोरी की गई जानकारी और ओटीपी का इस्तेमाल करके, गैंग ने पीड़ितों के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके ई-कॉमर्स साइट्स से मोबाइल फोन और सोने-चांदी के सिक्के जैसी महंगी चीजें खरीदीं."
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पुलिस ने किया गिरफ्तार
एक सुराग मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में अमित कुमार, रवि कांता, तेज सिंह, विकास झा, नागेंद्र शर्मा और नवाब खान को गिरफ्तार कर लिया है. नकली वेबसाइट बनाने वाले व्यक्ति, जिसे "मोटा भाई" के नाम से जाना जाता है, अभी भी फरार है. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. साथ ही आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत भी आरोप लगाए गए हैं. सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.