How Wireless Charger Work: वायरलेस चार्जर एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसके जरिए आप अपने स्मार्टफोन या कोई और डिवाइस को बिना तार लगाए चार्ज कर सकते हैं. यह टेक्नोलॉजी इंडक्शन चार्जिंग पर काम करती है. इसमें आपको अपने स्मार्टफोन को चार्जर से कनेक्ट नहीं करना पड़ता बल्कि चार्जर पर फोन रखते ही यह अपने आप चार्ज होने लगता है. आइए आपको बताते हैं कि यह टेक्नोलॉजी क्या है और यह कैसे काम करती है. 


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इंडक्शन चार्जिंग क्या है?


इंडक्शन चार्जिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक मैग्नेटिक फील्ड का उपयोग करके बिजली को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर किया जाता है. वायरलेस चार्जर में दो मुख्य भाग होते हैं. पहला चार्जिंग पैड और दूसरा रिसीवर कॉइल. 


चार्जिंग पैड - यह एक प्लेट होती है जिसमें कॉइल होती है जो एक मैग्नेटिक फील्ड पैदा करती है. 
डिवाइस में रिसीवर कॉइल - आपके स्मार्टफोन या अन्य डिवाइस में भी एक कॉइल होती है जो इस मैग्नेटिक फील्ड से ऊर्जा प्राप्त करती है और इसे बैटरी को चार्ज करने के लिए उपयोग करती है. 


कैसे होता है चार्जिंग का काम?


जब आप अपने डिवाइस को चार्जिंग पैड पर रखते हैं, तो चार्जिंग पैड में मौजूद कॉइल एक मैग्नेटिक फील्ड पैदा करती है. यह मैग्नेटिक फील्ड आपके डिवाइस में मौजूद रिसीवर कॉइल में एक इलेक्ट्रिक करंट पैदा करता है. यह इलेक्ट्रिक करंट फिर आपके डिवाइस की बैटरी को चार्ज करता है.


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वायरलेस चार्जिंग के फायदे


आसानी - यह काफी आसान होता है. आपको बस अपने डिवाइस को चार्जिंग पैड पर रखना होता है. इसके बाद फोन चार्ज होने लगता है. आपको चार्जर को फोन से और प्लग से कनेक्ट करने की झंझट नहीं होती.  
सुरक्षा - वायरलेस चार्जर केबल वाले चार्जर की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं.


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वायरलेस चार्जिंग के नुकसान


महंगा - वायरलेस चार्जर केबल वाले चार्जर की तुलना में ज्यादा महंगा होता है.
कम्पैटिबल - सभी डिवाइसों में वायरलेस चार्जिंग की सुविधा नहीं होती है. इसलिए वायरलेस चार्जर सभी डिवाइसों के साथ काम नहीं करता.