कभी शाम को पेश होता था आम बजट, जानिए किस वित्त मंत्री ने बदली अंग्रेजों के जमाने की परंपरा
कुछ लोगों के लिए यह नई जानकारी भी हो सकती है. ऐसे लोगों के लिए यह जानना भी कम दिलचस्प नहीं होगा कि केंद्रीय बजट को शाम के समय क्यों पेश किया जाता था और अब यह 11 बजे क्यों पेश किया जाने लगा?
नई दिल्ली : Budget 2022 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार चौथी बार बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री होंगी. 1 फरवरी 2022 को निर्मला सीतारमण चौथी बार आम बजट पेश करेंगी. अब बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है. लेकिन यदि आप दो दशक पीछे मुड़कर देखेंगे तो केंद्रीय बजट को शाम 5 बजे पेश किया जाता था.
अंग्रेजों की परंपरा रही है शाम को बजट पेश करना
कुछ लोगों के लिए यह नई जानकारी भी हो सकती है. ऐसे लोगों के लिए यह जानना भी कम दिलचस्प नहीं होगा कि केंद्रीय बजट को शाम के समय क्यों पेश किया जाता था और अब यह 11 बजे क्यों पेश किया जाने लगा? देश को आजादी मिलने के बाद अंग्रेजों की कई परंपराओं को सालों तक निभाया गया. इसमें बजट को शाम 5 बजे पेश करने की भी परंपरा शामिल थी.
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किसने बदली यह परंपरा
शाम 5 बजे बजट पेश करने की परंपरा को 2001 की एनडीए सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बदलकर सुबह 11 बजे किया था. उसके बाद से हर साल बजट सुबह 11 बजे ही पेश किया जाता है. बाद में इस परंपरा को यूपीए के शासनकाल में भी निभाया गया.
शाम के समय क्यों पेश होता था बजट?
शाम के 5 बजे बजट पेश करने की परंपरा देश में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी. इस समय बजट पेश करने का मुख्य कारण था ब्रिटेन का बजट. दरअसल, ब्रिटेन में बजट सुबह 11.00 बजे पेश किया जाता था, इसमें भारत के लिए भी बजट शामिल होता था. ऐसे में भारत में उसी समय पार्लियामेंट में बजट पास करना जरूरी था.
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आजादी के बाद निभाया गया
शाम 5 बजे का समय चुनने के पीछे कारण था कि ब्रिटेन में उस समय 11.30 बज रहे होते थे. इस तरह ब्रिटिश सरकार की तरफ से शुरू की गई परंपरा को आजादी के बाद भी निभाया गया. बाद में इसमें यशवंत सिन्हा ने 2001 में बदलाव किया.
आम बजट में ही शामिल हुआ रेल बजट
बाद में मोदी सरकार ने हर साल 28 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट को एक फरवरी को पेश करना शुरू किया. इसके अलावा उन्होंने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही एक और परंपरा बदली. सरकार ने अलग पेश होने वाले रेल बजट को भी आम बजट में ही शामिल कर दिया. रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा खत्म करने का सुझाव तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दिया था.