10 साल के बच्चे का 200 किलो वजन! बाथरूम की जगह तालाब में नहाने को मजबूर
वैसे तो बच्चों का शरीर अगर थोड़ा मोटा हो तो उसे क्यूट (Cute) कहते हैं. लेकिन अगर यही वजन हद से ज्यादा बढ़ जाए तो चिंता का विषय बन जाता है. ऐसा ही एक मामला इंडोनेशिया (Indonesia) से सामना आया है जहां एक छोटे बच्चे ने अपने वजन की वजह से सुर्खियां बटोर रखी हैं.
जकार्ता: बढ़ता वजन आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है. लगभर हर व्यक्ति ढलती उम्र के साथ इसका शिकार होता है. लेकिन सोचिए कि अगर कोई बच्चा छोटी उम्र में ही भारी वजन का शिकार हो जाए तो उसके लिए कई दिक्कतें हो जाती हैं. वैसे तो बच्चों का शरीर अगर थोड़ा मोटा हो तो उसे क्यूट (Cute) कहते हैं. लेकिन अगर यही वजन हद से ज्यादा बढ़ जाए तो चिंता का विषय बन जाता है. ऐसा ही एक मामला इंडोनेशिया (Indonesia) से सामना आया है जहां एक छोटे बच्चे ने अपने वजन की वजह से सुर्खियां बटोर रखी हैं.
भारी वजन की वजह से बनाया रिकॉर्ड
इंडोनेशिया के पश्चिम जावा के एक छोटे से गांव के लड़के ने 5 साल पहले तब सुर्खियां बटोरीं, जब उसका वजन 9 साल की उम्र में 280 पाउंड (127 किलोग्राम) से ज्यादा था. आर्य परमाना नाम के इस बच्चे ने अब 14 साल की उम्र में अविश्वसनीय 30 (Incredible 30) की लिस्ट में 13वां स्थान हासिल किया है. अभी इस लड़के का वजन 82 किलो है. आपको बता दें कि इस लड़के के बढ़ते वजन की वजह से केवल 11 वर्ष की उम्र में यह उसी लिस्ट में तीसरे स्थान पर था. उस समय इसका वजन 191 किलो था.
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खुले कुंड में नहाता था बच्चा
द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पहले वह इतना मोटा था कि वह बाहर एक कुंड में नहाता था क्योंकि वह खुद को शॉवर में नहीं धो पा रहा था. आर्य का शरीर ऐसा था कि वह कुछ कदम चलता तो उसकी सांस फूलने लगती. इसी कारण वह स्कूल नहीं जा सकता था. बच्चे के परिवार वालों को ऐसे कपड़े नहीं मिलते थे जो उसके शरीर पर बन जाएं. वह उस दौरान दिन भर जंक फूड और इंस्टेंट नूडल्स को खाता था इसीलिए उसके शरीर का आकार ऐसा हो गया था.
इस तरह घटाया वजन
फिर कंट्रोल्ड डाइट और नियमित व्यायाम के साथ-साथ एक गैस्ट्रिक बैंड ऑपरेशन के चलते आर्य ने 3 सालों में 231 पाउंड यानी 104 किलो वजन कम किया. लड़के ने अपनी हाथों से एक्सट्रा स्किन को हटाने के लिए आगे की सर्जरी की थी और उम्मीद है कि महामारी के बाद और और ज्यादा स्किन को काटने के लिए आगे की प्रक्रिया होगी.
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अब आर्य बहुत कुछ कर सकता है
अब वह दिन में 3 किलोमीटर चलता है, बास्केटबॉल खेलता है और पेड़ों पर चढ़ सकता है और पहली बार मोटरसाइकिल की सवारी कर सकता है. खास बात ये है कि आर्य कोरोना लॉकडाउन से पहले स्कूल भी जाने लगा था. उसका कहना है कि '2015 में, मुझे उम्मीद नहीं थी कि यह सब संभव होगा या मैं अपना वजन कम कर सकता हूं. अब यह बेहतर, बहुत अलग महसूस हो रहा है.'
जंक फूड से बिगड़ा लड़का
गौरतलब है कि 10 साल की उम्र में आर्य को फिजी ड्रिंक्स और नूडल्स की लत लग गई थी. वह चावल, फिश करी, बीफ, वेजिटेबल सूप और टेम्पेह (एक पारंपरिक सोया पैटी) जैसे फूड आइटम अकेले खाता था. उसकी मां रोकय्याह और पिता उसके शरीर के इस आकार को लेकर इतने चिंतित थे कि उन्होंने अपने बेटे को और अधिक सूजन से नियंत्रित करने के लिए हार्ड डाइट पर रखा. उसके घर वालों ने स्वीकार किया कि उसने अपने बेटे को जंक फूड से बिगाड़ा है.
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