ICJ पहुंची बांग्लादेश के हिंसा प्रभावित लोगों की आहें, छात्र आंदोलन के नाम लूट और रेप; संसार उजाड़ दिया
Bangladesh News: इस नरसंहार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय यानि ICC में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. ये शिकायत दर्ज करवाई है सिलहट के पूर्व मेयर अनवरुज्जमान चौधरी ने.
Bangladesh Coup case in ICJ: बांग्लादेश में अगस्त महीने से शुरू हुई हिंसा और नरसंहार का दौर अभी भी जारी है. लेकिन अगस्त महीने में छात्र आंदोलन के नाम पर जिस तरह तख्तापलट हुआ और उसके बाद बांग्लादेश में बसे हिंदुओं को चुन चुन कर निशाना बनाया गया उसने पूरी दुनिया को हैरान और परेशान किया है. बांग्लादेश में हुई अगस्त क्रांति पर अब शेख हसीना की पार्टी के एक नेता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केस फाइल किया है. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में दायर की गई शिकायत के बाद अब तय हो गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के दुश्मनों का बच पाना नामुमकिन होगा.
'छात्र आंदोलन के नाम पर हिंदुओं को नोचा गया'
हिंसा... आगजनी... अत्याचार... नरसंहार... अगस्त के महीने में बांग्लादेश की जमीन पर जो कुछ हुआ उसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया. बीच सड़क पर बांग्लादेश के लोकतंत्र का खून होता रहा. छात्र आंदोलन के नाम पर बांग्लादेश के हिंदुओं का संसार लुटता रहा. अवामी लीग की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा और मोहम्मद युनूस बांग्लादेश की सत्ता के सिरमौर बन बैठे.
इस नरसंहार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय यानि ICC में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. ये शिकायत दर्ज करवाई है अवामी लीग के वरिष्ठ नेता और सिलहट के पूर्व मेयर अनवरुज्जमान चौधरी ने.
- शिकायत में 800 पन्नों के दस्तावेज शामिल हैं
- जिनमें इन घटनाओं की डिटेल रिपोर्ट दी गई है
- सूत्रों के मुताबित शिकायत में मोहम्मद युनूस का नाम है
- साथ ही उनके 61 मंत्रिमंडल के सदस्य और छात्र नेता के नाम भी रिपोर्ट में शामिल किया गया है
- ICC के पास ऐसी 15,000 और शिकायतें दर्ज कराने की तैयारी भी की जा रही है
अनवरुज्जमान चौधरी ने कहा, 'मैं खुद एक पीड़ित हूं, मेरा घर जला दिया. मैं एक निर्वाचित मेयर हूं और उन लोगों ने मुझे जबरन वहां से हटा दिया. मेरे साथ साथ बांग्लादेश के हजारों नेताओं पर इन्होंने हमला करवाया है. बांग्लादेश के ताजा हालातों पर न्याय की आशा से हम लोगों ने ICC में केस दायर किया है.
पूरा मामला हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों, अवामी लीग और विपक्षी दलों के समर्थकों, और पुलिसकर्मियों के खिलाफ हिंसात्मक गतिविधियों और कथित नरसंहार से जुड़ा है और ICC में केस करने का मकसद है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर बांग्लादेश के भीतर हो रही हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघनों पर ध्यान खींचा जा सके.
इस मामले को लेकर बैरिस्टर मोन्जू, ने कहा, 'हमने के पीड़ित के माध्यम से अपराध कब हुआ, कहां हुआ, कैसे हुआ सारी डिटेल तमाम सबूतों के साथ जमा की है. सबूत जमा करने के बाद हमें स्वीकृति मिली है और एक नंबर के तौर पर हमारा केस दर्ज हो चुका है.
आपको बता दें कि बांग्लादेश की सड़कों पर हुई हिंसा और नरसंहार को वहां के कट्टरपंथियों ने सेना की शह पर अंजाम दिया. बांग्लादेश में हुई हिंसा ने वहां के शासन, प्रशासन और न्याय व्यवस्था को तार तार कर दिया. यही वजह है कि अवामी लीग के मेयर की तरफ से शिकायत में अल्पसंख्यकों के साथ साथ राजनीतिक और पुलिस डिपार्टमेंट के लोगों को भी शामिल किया गया है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बांग्लादेश के मुद्दे को उठाकर अवामी लीग ने आम चुनाव से पहले मोहम्मद युनू की कट्टरपंथी सरकार को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है.