Bangladeshi Hindus Demand: 5 दिन या यूं कहें 120 घंटों तक बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ, उस अत्याचार से आजादी के लिए हिंदू बांग्लादेश की सड़कों पर उतर गए हैं और साफ कर दिया है कि बांग्लादेश का हिंदू नहीं झुकेगा. 'अहिंसा परमो धर्म धर्म हिंसा तथैव च' अर्थात 'अहिंसा सर्वोच्च कर्तव्य है, लेकिन जब धर्म की रक्षा के लिए हिंसा आवश्यक हो तो उसका भी पालन करना चाहिए.' महाकाव्य महाभारत में लिखे इस श्लोक का परम उदाहरण बांग्लादेश के हिंदू हैं. जो दुनिया कल तक हिंदुओं को बेबस, बेसहारा, पिटते मरते हुए देख रही थी, वो बांग्लादेख के आज के हिंदुओं को भी देख लें. जो दुनिया बांग्लादेश में हिंदुओं को मरते देखकर भी मुंह में दही जमाए बैठी थी, वो देख ले कि जब हिंदू जागता है तो कैसे अततायियों की नींद हराम हो जाती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हिंदुओं का हुजूम देखकर बिल में छिपे उन्मादी


अल्पसंख्यक समझकर जो उन्मादी भीड़ कल तक हिंदुओं के घरों पर हमला कर रही थी, वो इस हुजूम को देखकर अपने बिल में छिप गई है. क्योंकि, हिंदुओं ने बांग्लादेश में यलगार कर दिया है. राम के वंशज और कृष्ण के उपासक हिंदुओं ने ऐलान कर दिया है कि याचना नहीं, अब रण होगा. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं का जिस तरह कत्लेआम हुआ, उसके विरोध में जब हिंदू उठ खड़े हुए तो पूरा बांग्लादेश हिल गया है.


अंतरिम सरकार के खिलाफ हिंदुओं की यलगार


फ्लावर समझकर जिन हिंदुओं को कुचलने की कोशिश की जा रही थी वो फायर निकला. हिंदुओं ने  बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के खिलाफ यलगार कर दी है. तख्तापलट की आड़ में हिंदुओं पर खूब हमले हुए. बांग्लादेश की सड़कों को हिंदुओं के खून से पाट दिया गया. चुन चुन पर हिंदुओं के घरों को टारगेट कर दिया. मंदिरों में आग लगा दी गई. अब हिंदू भी जवाब देने के मूड में हैं. इसी के साथ बांग्लादेश में हिंदुओं ने अंतरिम सरकार के सामने आठ मांगें रखी हैं.


क्या है सड़के पर उतरे बांग्लादेशी हिंदुओं की मांगें


1- हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करें.
2- हमलावरों को सख्त सजा दी जाए.
3- पीड़ित हिंदुओं को मुआवजा दें.
4- हिंदू कल्याण ट्रस्ट का गठन हो.
5- माइनॉरिटी कमिशन बनाया जाए.
6- हिंदू मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाई जाए.
7- विस्थापित हिंदुओं को बसाया जाए.
8- सरकार में हिंदुओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाएं.



ढाका से लेकर चटगांव तक थर्र थर्र कांप रहा


हर शहर से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिससे ढाका से लेकर चटगांव तक थर्र थर्र कांप रहा है, क्योंकि ये गुस्सा ये उबाल उस हिंसा के खिलाफ है जो पांच दिनों से बदस्तूर जारी है. जिस तरह से सरेआम बहू-बेटियों की इज्जत आबरू को उछाला गया था. हिंदुओं का ये आक्रोश उसके खिलाफ है. बांग्लादेश की जो सड़कें कुछ दिनों पहले हिंदुओं के खून से लहुलुहान हुई, जिन सड़कों पर हिंदुओं को घसीट घसीट कर मौत के घाट उतारा गया. अब उन सड़कों पर उतरकर हिंदुओं ने ऐलान कर दिया है कि हिंदू झुकेगा नहीं.


27 जिलों में हिंदुओं को किया गया टारगेट


बांग्लादेश में तख्तापलट और शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में शहर-शहर हिंदुओं के घरों पर हमले की तस्वीरें सामने आईं. एक अनुमान के मुताबिक 27 जिलों में हिंदुओं को टारगेट किया गया. मौत का आंकड़ा कितना है, इसका हिसाब लगाना तक मुश्किल है. हालात ऐसे हो गए हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए रहना मुश्किल हो गया है, लेकिन अब हिंदुओं ने ऐलान कर दिया है कि हिंसा बर्दाशत नहीं की जाएगी.


न्यूयॉर्क में भी बांग्लादेशी हिंदुओं का समर्थन


बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के विरोध में अब न्यूयॉर्क की सड़कों पर भी लोग उतर आए हैं. अमेरिका में रहने वाले अप्रवासी बांग्लादेशी हिंदुओं की आवाज उठा रहे हैं. जाहिर है कि बांग्लादेश में हिंदुओं ने बीते एक हफ्ते में जबरदस्त अत्याचार सहा, लेकिन अब हिंदू समाज पीड़ित और शोषित के दायरे को तोड़कर बाहर गया है और ऐलान कर दिया है कि याचना नहीं, अब रण होगा, जीवन-जय या कि मरण होगा.