New Barbie Doll for all: टॉय मैनुफेक्चरिंग कंपनी मैटल (Mattel) ने समावेशी विचारधारा और विविधता को बढ़ावा देने के लिए डाउन सिंड्रोम (Down syndrome) वाली अपनी पहली बार्बी डॉल (Barbie Doll) लॉन्च की है. दरअसल कंपनी लंबे समय से इस आलोचना का निशाना रही है कि उसकी डॉल वास्तविक महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती है. दरअसल बार्बी अपने फर्स्ट एडिशन यानी मूल रूप से गोरी फेयर स्किन, स्लिम और सुनहरे बालों वाले अवतार में सजकर आई थी. जिसके बाद मार्केट में राज करने वाली कंपनी मैटल ने ऐसी आलोचनाओं का मुकाबला करने के लिए, बीते कुल सालों में हियरिंह एड, कृत्रिम अंग और व्हीलचेयर वाली डॉल भी बनाई है. लेकिन उसकी आलोचना अभी तक बंद नहीं हुई थी. ऐसे में माना जा रहा है कि इस डॉल के आने के बाद कंपनी के आलोचकों के मुह बंद हो जाएंगे.


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कंपनी का बयान


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस नई डॉल का कद छोटा और धड़ लंबा है, गोल चेहरा, छोटे कान, सपाट नाक पुल और बादाम के आकार की आंखें हैं. ये डाउन सिंड्रोम डॉल, जो कंपनी की फैशनिस्टस लाइन का हिस्सा है, उसे नेशनल डाउन सिंड्रोम सोसाइटी (NDSS) के सहयोग से बनाया गया था ताकि हर हाल यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसकी नई डॉल डाउन सिंड्रोम वाले लोगों का सही प्रतिनिधित्व कर रही है. हालांकि इससे पहले भी बार्बी बनाने वाली कंपनी का कहना है कि उसके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं, वो सही नहीं थे. उनकी डॉल सभी का प्रतिनिधित्व करती है ना कि किसी एक देश या वर्ग विशेष की. 


डाउन सिंड्रोम क्या है?


डाउन सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चा मानसिक और शारिरिक विकारों से झूझता है. डाउन सिंड्रोम में बच्चा अपने 21वें गुणसूत्र की एक्स्ट्रा कॉपी के साथ पैदा होता है. इसे ट्राइसॉमी-2 भी कहा जाता है. ये एक जेनेटिक डिसॉर्डर (आनुवांशिक विकार) है. यह बच्चे के शारीरिक विकास में देरी, चेहरे की विशेषताओं में फर्क और बौद्धिक विकास में देरी का कारण बनता है. ऐसे बच्चों में सपाट चेहरा, उभरी हुई आंखें, छोटा मुंह, चौड़ी जीभ और उनका छोटा कद हो सकता है.


डाउन सिंड्रोम वाले लोगों का आईक्यू लेवल सामान्य और मीडियम लेवल से भी कम रेंज का होता है. इस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे अन्य बच्चों की तुलना में बोलने में धीमे होते हैं. हर साल लाखों की तादाद में बच्चे इससे प्रभावित होते हैं. अमेरिका में हर साल करीब 6000 बच्चे इस कंडीशन के साथ पैदा होते हैं. इसकी वजह से उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.


डाउन सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है, लेकिन ऐसे कई उपचार और उपचार हैं जो डाउन सिंड्रोम वाले लोगों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं.


'बार्बी का जलवा कायम है'


बार्बी का जलवा आज भी कायम है. आपको बताते चलें कि वार्नर ब्रदर्स की आगामी लाइव-एक्शन फिल्म 'बार्बी' की को प्रोड्यूसर इसी बार्बी डॉल को बनाने वाली कंपनी मैटल है. इसकी मुख्य भूमिकाओं में मार्गोट रोबी और रयान गोसलिंग मुख्य भूमिका में हैं. ग्रेटा गेरविग द्वारा निर्देशित मूवी में विल फेरेल, केट मैककिनोन, माइकल सेरा, एम्मा मैके, अमेरिका फेरेरा, एलेक्जेंड्रा शिप, एरियाना ग्रीनब्लाट, एमराल्ड फेनेल, किंग्सले बेन-अदिर, शेरोन रूनी भी हैं.