आर्मेनिया भारत और अन्य एशियाई देशों तक पहुंच बनाने के लिए ईरान के चाबहार पोर्ट में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहा है. इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोकेशियान देश बिना रुके कनेक्टिविटी के लिए इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) और चाबहार पोर्ट के बीच शीघ्र संपर्क की उम्मीद कर रहा है.


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आर्मेनिया के उप विदेश मंत्री मनत्सकन सफरियान ने कहा, ‘अर्मेनियाई प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में चाबहार पोर्ट  के उपयोग पर मुंबई में एक उच्च स्तरीय बैठक में भाग लिया.’


रिपोर्ट के मुताबिक सफरियान ने बताया, ‘हम पोर्ट में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि चाबहार पोर्ट और INSTC के बीच कनेक्टिविटी जल्द ही पूरी हो जाएगी. ऐसे संकेत हैं कि यह लिंक एक साल के भीतर संपन्न हो जाएगा.’


भारत-ईरान-आर्मेनिया का ग्रुप
चाबहार पोर्ट में शामिल होने के लिए आर्मेनिया की यह उत्सुकता भारत, ईरान और आर्मेनिया के त्रिपक्षीय ग्रुप को देखते हुए खासी अहमियत रखती हैं. बता दें इस अप्रैल में अर्मेनियाई राजधानी येरेवन में एक बैठक के दौरान, तीनों पक्षों ने आर्थिक प्रोजेक्ट्स और क्षेत्रीय संचार चैनलों पर चर्चा की थी.


गहरे होते भारत-आर्मेनिया संबंध
आर्मेनिया के नई दिल्ली के साथ संबंध नए रणनीतिक आयाम प्राप्त कर रहे हैं. आर्मेनिया ने भारतीय व्यापारियों को रूस और यूरोप से जोड़ने के लिए INSTC के समानांतर ईरान के माध्यम से फारस की खाड़ी-काला सागर गलियारे या INSTC की एक नई शाखा का हिस्सा प्रस्तावित किया है.


अर्मेनियाई सरकार ने 'क्रॉसरोड्स ऑफ पीस' प्रोजेक्ट भी डेवलप किया है, जिसमें शांति एजेंडे के प्रमुख सार के रूप में क्षेत्र के देशों के बीच कम्युनिकेशन डेवलपमेंट शामिल है, जो भारत सहित बड़े क्षेत्र के लिए भारी लाभ लाएगा.


आर्मेनिया ने दर्ज किया मजबूत विकास
युद्ध के बावजूद आर्मेनिया ने मजबूत आर्थिक विकास दर्ज किया है. उप विदेश मंत्री ने आर्मेनिया को भारत का स्वाभाविक साझेदार बताते हुए कहा, 'हम कई मायनों में एक जैसे हैं. इस समय आर्मेनिया में निर्माण क्षेत्र में तेजी है और हम भारतीय कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं. भारत की दो प्रमुख कंस्ट्रक्शन कंपनियां आर्मेनिया में परियोजनाओं को क्रियान्वित कर सकती हैं.’


इसके अलावा आर्मेनिया में काम करने वाले भारतीयों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.’


मंत्री ने कहा, ‘हम भारत और आर्मेनिया के बीच सीधी उड़ानें शुरू करने के लिए भी बातचीत कर रहे हैं और उम्मीद है कि अगले साल उड़ानें शुरू की जा सकती हैं.’


साझेदारी का एक अन्य क्षेत्र सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र है - आर्मेनिया और भारत दोनों इस क्षेत्र में मानव पूंजी का दावा करते हैं. सफ़ारियन ने कहा कि सिलिकॉन वैली में भारत और आर्मेनिया के आईटी पेशेवर संपर्क में हैं और सहयोग के रास्ते तलाश रहे हैं.


पाकिस्तान के लिए परेशानी की बात
चाबहार में अगर आर्मेनिया की एंट्री होती है तो यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ी मुश्किल हो सकता है. दरअसल पाकिस्तान अजरबैजान का करीबी है. आर्मेनिया और अजरबैजान एक दूसरे के घोर शत्रु हैं. इसके अलावा पाकिस्तान भी ईरान के साथ संबंध बेहतर चाहता है. ऐसे में वह कभी नहीं चाहेगा कि आर्मेनिया की एंट्री चाबहार पोर्ट में हो.