ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के कार्यकाल के एक साल पूरे हो चुके है. अब आप सोच रहे होंगे कि इसका भारत से क्या लेना देना है. दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश पीएम से बात कर उन्हें बधाई दी. दोनों में बातचीत हुई और चर्चा के केंद्र में इजरायल-हमास के बीच जंग रहा. भारत और ब्रिटेन दोनों ने माना कि मिडिल ईस्ट में जो हालात बने हुए हैं उसके लिए हमास( israel hams war) जिम्मेदार है. लेकिन उसकी वजह से जो तनाव है उसे खत्म करने की जरूरत है. दोनों देशों ने यह भी माना कि हमास पूरे फिलिस्तीन की अगुवाई नहीं करता है. लिहाजा कोई ऐसा काम ना हो जिसकी वजह से आम फिलिस्तीनी नागरिकों को दिक्कत हो. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद और आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में किसी तरह की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए. लेकिन यह देखना भी होगा कि गाजा में निर्दोष लोग शिकार ना बनें. दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट(free trade agrrement) समझौते पर भी चर्चा हुई थी. भारत और ब्रिटेन दोनों ने माना कि एफटीए के जरिए बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है और हमें इस दिशा में और आगे बढ़ना होगा. 


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बातचीत के खास अंश



एफटीए पर क्या है अड़चन


  • भारत, लिबरल इम्रीगेशन पॉलिसी की वकालत कर रहा है जिसे लेकर ब्रिटेन को कुछ आपत्ति है.

  • ब्रिटेन चाह रहा  है कि शराब और ऑटोमोबाइल सेक्टर में टैक्स में कमी की जाए.

  • भारत के आर्किटेक्चर, और फाइनेंसियल सर्विस को और खोला जाए


वैश्विक शांति के लिए ये  कदम जरूरी


दोनों नेताओं ने कहा कि वे क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा, स्थिरता और निरंतर मानवीय सहायता की आवश्यकता पर  भी सहमति बनी. पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक स्तर पर दोहरे रुख से बचना चाहिए. यह बात सच है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के मुल्क अब आगे आ रहे हैं. हालांकि इसमें और आगे बढ़ने की आवश्यकता है. इसके साथ ही आर्थिक सहयोग के लिए जो खांचे बनाए जा रहे हैं उनके बारे में विचार करना चाहिए. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं. उम्मीद है कि ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते के बाद हमारे संबंध एक नई ऊंचाई तक पहुंच जाएंगे.