कोलंबो: श्रीलंका (Sri Lanka) अपनी आजादी के बाद सबसे खराब आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है. देश के मौजूदा राजनीतिक हालातों के बीच देश के सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड कबराल (Ajith Nivard Cabraal) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 


राजनीतिक संकट की वजह से इस्तीफा


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न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड काबराल ने कहा, 'सभी कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफा देने के संदर्भ में, मैंने आज राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को गवर्नर, सेंट्रल बैंक, श्रीलंका के रूप में अपना इस्तीफा सौंप दिया है.' 




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कौन हैं अजीत निवार्ड कैब्राल?


अजीत निवार्ड कबराल को सितंबर 2021 में सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (CBSL) का गवर्नर नियुक्त किया गया था. उस समय देश की इकॉनमी बड़ी चुनौतियों से जूझ रही थी और विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा था. उन्हें महिंदा राजपक्षे का करीबी माना जाता है. बता दें कि 68 साल के कैबराल श्रीलंका की पोदुजाना पेरामुना पार्टी (PPP) के संस्थापक सदस्य भी हैं. 


राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री को हटाया था


इससे पहले देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने अपने भाई और वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे (Basil Rajapaksa) को उनके पद से हटा दिया था.  बेसिल ने श्रीलंका को मौजूदा विदेशी मुद्रा संकट (Forex Reserves) से निपटने में मदद करने के लिए भारत से आर्थिक राहत पैकेज पाने पर बातचीत की थी. बता दें कि बेसिल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से राहत पैकेज हासिल करने के लिए अमेरिका जाने वाले थे.


श्रीलंका में अनिश्चितता के इस दौर का जिम्मेदार देश के मौजूदा राजनीतिक संकट को भी माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका में जल्द ही एक सर्वदलीय सरकार का गठन किया जा सकता है. इस सरकार में विपक्ष के नेताओं को भी शामिल किया जाएगा. इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए राष्ट्रपति ने सभी पार्टियों से सरकार में शामिल होने की अपील की है. 


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(इनपुट न्यूज़ एजेंसी 'भाषा' के साथ )


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