बांग्लादेश जेल में `जुल्म`, चिन्मय प्रभु को दवा-खाना तक नहीं, वकीलों से मुलाकात पर प्रतिबंध, पॉइंट्स में जानें ताजा अपडेट
Chinmoy Prabhu Latest News: हिरासत में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी पर बांग्लादेश सरकार जमकर जुल्म ढा रही है. उन तक प्रसाद-भोजन भी नहीं पहुंचने दिया जा रहा है.
Bangladesh Latest Update: बांग्लादेश हिंदु साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी से पहले ही सुलग रहा है. हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और उनके हमलों को लेकर दुनिया भर में बांग्लादेश की जमकर आलोचना हो रही है. उस पर अब नई खबर आ रही है कि हिरासत में बंद चिन्मय प्रभु तक दवा और प्रसाद तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है. जबकि इस्कॉन के पुजारी चिन्मय प्रभु के लिए यह प्रसाद ही एकमात्र है, जिसे वे ग्रहण कर सकते हैं. जबकि चिन्मय प्रभु को अपने अनुयायियों से भोजन प्राप्त करने की अनुमति दी गई थी. लेकिन कल पूरे दिन उन तक प्रसाद नहीं पहुंचने दिया गया.
नहीं पता किस हालत में हैं चिन्मय प्रभु
चिन्मय प्रभु को अपने सहायकों और वकीलों से भी नहीं मिलने दिया गया. पूरे दिन हिंदू साधु से मुलाकात और उन तक प्रसाद-दवाएं पहुंचाने के लिए उनके सहायक और वकील भटकते रहे. आलम यह है कि चिन्मय प्रभु की स्थिति तक को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. इससे उनके भक्तों और अनुयायियों में जमकर आक्रोश है. चिन्मय प्रभु तक दवा और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाएं तक ना पहुंच पाने के लिए लोग उनकी सेहत और मौजूदा स्थिति को लेकर भारी चिंता में हैं.
उनके भक्त बांग्लादेशी अधिकारियों से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करके उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इस मुद्दे का तुरंत समाधान करने का आग्रह कर रहे हैं.
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चिन्मय प्रभु मामले में अपडेट
आज हो सकती है सुनवाई : चिन्मय प्रभु मामले में आज कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है. चिन्मय प्रभु की जमानत को लेकर इस्कॉन ने याचिका लगाई है. उधर यह भी कहा जा रहा है कि चिन्मय कृष्ण प्रभु की सुनवाई में देरी हो सकती है क्योंकि चटगांव जिला वकील संघ ने झड़प में एक वकील की मौत के बाद हड़ताल कर दी है. इससे चटगांव में सभी अदालती गतिविधियां रुक गईं हैं. वहीं हालाँकि, चिन्मय कृष्ण प्रभु के समर्थकों ने आरोप लगाया है कि हड़ताल का इस्तेमाल जानबूझकर चिन्मय प्रभु की सुनवाई की कानूनी प्रक्रिया को रोकने के लिए किया जा रहा है.
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संयुक्त राष्ट्र करे हस्तक्षेप : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंदू साधू की गिरफ्तारी से भारत में भी गुस्सा उबल रहा है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला दर्शाता है कि उस देश की अंतरिम सरकार कट्टरपंथियों के चंगुल में है. वहां जिस तरह से हमला किया जा रहा है, वो मानवता के खिलाफ है. इस मामले में संयुक्त राष्ट्र को हस्तक्षेप करना चाहिए. साथ ही सभी हिंदुओं को बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों का विरोध करना चाहिए.
रिटायर्ड जजों की मांग, तुरंत हो हस्तक्षेप : इधर भारत में हाईकोर्ट 68 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, आईआईएस, आईएफएस और राज्य अधिकारियों के एक समूह ने भारत सरकार से मांग की है इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करके इस्कॉन लीडर चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई कराई जाए. जिन पर मनगढ़ंत राजद्रोज का आरोप लगाया है. इस ग्रुप ने अपनी अपील पर हस्ताक्षर करके संसद सदस्य को सौंपा है.
अमेरिकी सिंगर ने जताई हिंदुओं की सुरक्षा की चिंता: अमेरिकी सिंगर मेरी बिलबेन ने भी चिन्मय कृष्ण दास की कैद और बांग्लादेश में चरमपंथियों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी हमलों पर चिंता जताते हुए कहा कि वर्ल्ड लीडर्स को इस पर ध्यान देना चाहिए. हमें धार्मिक स्वतंत्रता और विश्व स्तर पर सभी आस्थावान लोगों की सुरक्षा की रक्षा करनी चाहिए.