लंदन: पिछले काफी लंबे वक्त से पूरी दुनिया के लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) की मार झेल रहे हैं. संक्रमण से ग्रसित लोग कोविड-19 की वैक्सीन आने का इंतजार कर रहे हैं. कुछ कंपनियों ने वैक्सीन बनाने का दावा भी किया है. इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने वैक्सीन को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. WHO के प्रमुख ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र (United State) की स्वास्थ्य एजेंसी सुरक्षित और प्रभावी साबित होने से पहले किसी भी कोविड-19 टीके (Corona Vaccine) के उपयोग की सिफारिश नहीं करेगी. हालांकि, चीन और रूस ने व्यापक प्रयोग के समाप्त होने से पहले ही अपने टीके का उपयोग करना शुरू कर दिया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदानोम गेब्रेयसुस (Tedros Adhanom) ने शुक्रवार (4 सितंबर) को प्रेसवार्ता में कहा कि टीकों का प्रयोग दशकों से सफलतापूर्वक किया जा रहा है. उन्होंने चेचक और पोलियो के उन्मूलन में इनके योगदान का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ' मैं जनता को आश्वस्त करना चाहूंगा कि डब्ल्यूएचओ एक ऐसे टीके का समर्थन नहीं करेगा जो प्रभावी और सुरक्षित नहीं है.'


गौरतलब है कि पिछले दिनों ही रूस ने कोरोना वैक्सीन का प्रयोग करना शुरू कर दिया है. रूस ने कोविड-19 से लड़ने के लिए स्पुतनिक V टीका बनाया है जो सुरक्षित बताया जा रहा है. रूस ने अपने नागिरकों परपरीक्षण भी कर रहा है. जिन लोगों पर परीक्षण किया गया है उनमें अभी तक किसी भी प्रकार का कोई नकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिला है. उम्मीद जताई जा रही है कि अब जल्द ही दुनिया को रूस की तरफ से पहली कोरोना वायरस वैक्सीन मिल जाएगी.


‘टीके प्रभाव को जानने के लिए शुरूआती चरण के परीक्षण में कुल 76 लोगों को लगाया गया और 42 दिनों में टीका सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नजर आया. इसने परीक्षणों में शामिल सभी लोगों में 21 दिनों के अंदर एंटीबॉडी भी विकसित की. इसी WHO ने अपना बयान जारी किया है जिससे जाहिर होता है कि स्वास्थ एजेंसी इस वैक्सीन को फिलहाल उचित नहीं मानती है. 


VIDEO