Political Crisis: देश में बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच हुआ चुनाव, पड़ोसी मुल्क को मिला नया राष्ट्रपति
Nepal में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता के बीच हुए राष्ट्रपति चुनाव में नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं. आठ पार्टियों के समर्थन की वजह से 78 वर्षीय पौडेल का निर्वाचित होना लगभग तय था.
Nepal Presidential Election: नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल गुरुवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में विजयी घोषित किए गए हैं और वह नेपाल के तीसरे राष्ट्रपति होंगे. बता दें कि पौडेल ऐसे समय राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं, जब उनके देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ रही है और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में कमजोर गठबंधन सरकार शासन कर रही है.
आठ दलों के गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे पौडेल
पौडेल आठ दलों के गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे जिनमें नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओइस्ट सेंटर शामिल है. पौडेल को संसद के 214 सदस्यों और प्रांतीय विधानसभाओं के 352 सदस्यों का समर्थन मिला. नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर मेरे मित्र रामचंद्र पौडेल को हृदय से बधाई.
78 वर्षीय पौडेल का निर्वाचित होना पहले से तय था
आठ पार्टियों के समर्थन की वजह से 78 वर्षीय पौडेल का निर्वाचित होना लगभग तय था. उनके खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ‘ओली’ नीत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-एकीकृत मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट के सुभाष चंद्र नेमबांग मैदान में थे. साल 2008 में देश को गणतंत्र घोषित किए जाने के बाद यह तीसरा राष्ट्रपति चुनाव है. नेपाल की निवर्तमान राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है. राष्ट्रपति चुनाव में कुल 882 मतदाता हैं जिनमें 332 सदस्य संसद के हैं जबकि 550 सदस्य सात प्रांतीय विधानसभाओं के हैं. निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता शालीग्राम ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में प्रांतीय विधानसभाओं के 518 सदस्यों और संसद के 313 सदस्यों ने हिस्सा लिया.
नेपाल में चल रही राजनीतिक हलचल
पौडेल ने इससे पहले विश्वास जताया था कि विधायिका के सदस्य उन्हीं के पक्ष में मतदान करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि संघीय संसद और प्रांतीय एसेंबली के सदस्य मुझे वोट करेंगे. मेरा मानना है कि वे मेरे लंबे संघर्ष के बारे में सही निर्णय करेंगे. चुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली सरकार की स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं. पौडेल को राष्ट्रपति पद के चुनाव में समर्थन देने को लेकर उत्पन्न राजनीतिक विवाद के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने मौजूदा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. सीपीएन-यूएमएल नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.
5 साल होगा कार्यकाल
राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि निर्वाचन की तारीख से पांच साल होगी और एक व्यक्ति को इस पद पर केवल दो कार्यकाल के लिए ही चुना जा सकता है. राष्ट्रपति का पद हालांकि काफी हद तक औपचारिक है लेकिन संविधान प्रदत्त विवेकाधीन शक्तियों के कारण नेपाल के राजनीतिक दलों में हाल के दिनों में इस पद के लिए रुचि बढ़ी है. राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में तटस्थ रहने का फैसला किया है. इसके प्रतिनिधि सभा में 14 और प्रांतीय विधानसभाओं में 28 सदस्य हैं. नेपाल वर्कर्स ऐंड पीजेंट पार्टी ने भी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लिया.
(इनपुट: एजेंसी)
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