European Union Parliament: यूरोपियन संसद से रूस `आतंकवाद का प्रायोजक देश` घोषित, वोटिंग के बाद बताई गई वजह
European Union Voting: छोटे मुद्दे हों या बड़ी वैश्विक चिंताएं यूरोपीय यूनियन (EU) मुखर होकर अपनी राय जाहिर करता है. इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के परिप्रेक्ष्य में यूरोपियन संसद ने वोटिंग करते हुए रूस (Russia) को आतंकवाद का प्रायोजित देश (State sponsor of terrorism) घोषित किया है.
EU News: यूरोपीय संसद (European Parliament) ने रूस (Russia) को 'आतंकवाद का प्रायोजक राज्य' (State Sponsor of Terrorism) घोषित किया है. यूरोपीय संसद ने यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से उस पर किए गए 'क्रूर और अमानवीय' कृत्यों के लिए मंगलवार को हुई एक वोटिंग के बाद अपने फैसले का अधिकृत ऐलान कर दिया है.
वोटिंग से फैसला
स्ट्रासबर्ग (Strasbourg) में आयोजित एक सत्र के दौरान पेश किए गए प्रस्ताव में रूस के खिलाफ कार्रवाई की गई. इस वोटिंग में कुल 494 सदस्य सदस्यों ने इस फैसले के पक्ष में मतदान किया, जबकि 58 वोट इस फैसले के विरोध में पड़े. मतदान के दौरान 44 सदस्यों ने वोटिंग से दूर रहने का फैसला किया. आपको बताते चलें कि इस फैसले के पीछे यूरोपियन संघ (European Union) का यह तर्क है कि मास्को (Moscow) के सैन्य हमलों ने उर्जा बुनियादी ढांचे (Energy Infrastructure), अस्पतालों, स्कूलों तथा आश्रयों जैसे नागरिक लक्ष्यों पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया.
नजरअंदाज नहीं कर सकते: EUP
रूस के खिलाफ ये प्रस्ताव यूरोपियन पीपुल्स पार्टी (European People's Party), रिन्यू यूरोप (Renew Europe) और यूरोपियन कंजरवेटिव एंड रिफॉर्मिस्ट्स ग्रुप (European Conservatives and Reformists group) द्वारा पेश किया गया था. न्यूज़ एजेंसी एएफपी के मुताबिक इस प्रस्ताव के संकल्प में ये लिखा था कि यूक्रेन की आम जनता के खिलाफ रूस द्वारा जानबूझकर कर किए गए हमलों और अत्याचारों से बनी मानवीय त्रासदी की स्थिति और युद्ध अपराधों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इसी प्रस्ताव के पास होने के बाद कहा गया कि ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यूरोपीय संसद द्वारा रूस को आतंकवाद के प्रायोजक देश का दर्जा दिया जाता है.
भविष्य की चिंता
इस विशेष सत्र के दौरान यूरोपीय देशों ने यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से दुनियाभर में जारी खाद्य संकट (Food Crisis) पर चिंता जताते हुए रूस की निंदा की गई. भविष्य में फिर ऐसे किसी मानवीय संकट की स्थिति न बने इसके लिए इसी मंच से एक नया कानूनी ढांचा विकसित करने का फैसला किया गया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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