G7 Summit: जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज (Olaf Scholz) के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जर्मन प्रेसीडेंसी के तहत जी 7 शिखर सम्मेलन (48th G7 summit) में भाग ले रहे हैं. इसमें दुनिया के 7 सबसे अमीर देशों के नेता यूक्रेन पर रूस के आक्रमण, खाद्य सुरक्षा और आतंकवाद समेत विभिन्न महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हो रही है. जर्मनी G7 के अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.


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दो दिवसीय जर्मनी यात्रा पर पीएम मोदी


आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी G7 सम्मेलन (G7 Summit) के लिए रविवार से दो दिवसीय यात्रा पर जर्मनी में हैं. वह ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला, पर्यावरण और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर समूह के नेताओं और सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं. इस दौरान PM मोदी की वैश्विक नेताओं से मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई हैं. जिसमें वो कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो और अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन से मिले.


G7 में पीएम मोदी का संबोधन


पीएम मोदी ने कहा, एक भ्रांति है कि गरीब देश...पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं. लेकिन भारत का 1000 साल से अधिक का इतिहास इस दृष्टिकोण का पूरी तरह से खंडन करता है. प्राचीन भारत ने अपार समृद्धि का समय देखा है. जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य सत्र G7 में हमने सदियों की गुलामी को भी सहन किया है. अब स्वतंत्र भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है. विश्व की 17% जनसंख्या भारत में निवास करती है. लेकिन, वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में हमारा योगदान केवल 5% है.


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क्या है G-7?


गौरतलब है कि G-7 समूह दुनिया के सात सबसे अमीर देशों का समूह है. इस समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल है. इसमें अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है. इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू सहित कई अन्य शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं.


भारत उन देशों में जहां डेटा सबसे सस्ता


उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी 2 दिवसीय यात्रा पर जर्मनी पहुंचे हुए हैं. ऐसे में उन्होंने अपनी यात्रा के पहले दिन यानी रविवार को कहा था कि Information Technology में, Digital Technology में भारत अपना परचम लहरा रहा है. दुनिया में हो रहे realtime डिजिटल पेमेंट्स में से 40% ट्रांजेक्शन भारत में हो रहे हैं. आज भारत डेटा कंजम्प्शन में नए रिकॉर्ड बना रहा है. भारत उन देशों में है जहां डेटा सबसे सस्ता है. आज का भारत 'होता है, चलता है, ऐसे ही चलेगा' वाली मानसिकता से बाहर निकल चुका है. आज भारत ‘करना है’ ‘करना ही है’ और ‘समय पर करना है’ का संकल्प रखता है. भारत अब तत्पर है, तैयार है, अधीर है.


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