वाशिंगटन: पिछले सप्‍ताह उत्‍तरी-पश्चिमी पाकिस्‍तान के एक गांव में जब सीआईए ड्रोन को घूमते देखा गया तो स्‍थानीय लोगों के आश्‍चर्य का ठिकाना नहीं रहा. दरअसल आतंकियों ने पिछले पांच सालों से एक बंधक बनाए गए एक अमेरिकी-कनाडाई परिवार को उस गांव में छुपा रखा था. अब मीडिया रिपोर्टों में यह खबरें आ रही हैं कि खुफिया सूचनाओं के आधार पर अमेरिका ने इनको छुड़ाने के लिए नेवी सील्‍स टीम 6 के सदस्‍यों को तैयार रखा था. लेकिन इस ऑपरेशन की योजना को बंधक परिवार के सुरक्षा कारणों से स्‍थगित कर दिया गया. 


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उसके बाद जब सीआइए ने देखा कि आतंकी इस परिवार को वहां से हटा रहे हैं तो तत्‍काल अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्‍तान को सूचित करते हुए कहा कि या तो मदद कीजिए, नहीं तो हम ऑपरेशन करेंगे. इससे पहले 2011 में ओसामा बिन लादेन के मामले में अमेरिकी सील कमांडो ने ऑपरेशन किया था. उससे पाकिस्‍तानी सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी. लिहाजा इस बार पाकिस्‍तान ऐसा नहीं चाहता था और उसने तत्‍काल कार्रवाई की. 


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नतीजतन अमेरिकी खुफिया सूचना के आधार पर कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्‍तानी सुरक्षा बलों ने एक्‍शन लेते हुए उस गाड़ी का पीछा किया जिसमें बंधक दंपति केटलान कोलमैन और जोशुआ बोएल एवं उनके तीन बच्‍चों को ले जाया जा रहा था. सुरक्षा बलों को देखकर आतंकी गाड़ी में ही बंधकों को छोड़कर भाग गए. इस तरह अक्‍टूबर 2012 से बंधक बनाए गए इस परिवार को आतंकियों के चंगुल से छुड़ाया जा सका. अफगानिस्तान में पांच साल पहले एक 'बैकपैकिंग ट्रिप' के दौरान अमेरिकी-कनाडाई दंपती कैटलान कोलमैन और जोशुआ बॉयल को तालिबान से जुड़े एक चरमपंथी नेटवर्क ने अपहरण कर लिया था. उस सयम कोलमैन गर्भवती थी. कोलमैन स्टीवर्ट्स टाउन, पेंसिल्वेनिया की रहने वाली हैं, जबकि बॉयल कनाडाई हैं.