India Canada Conflict Update: कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने पिछले महीने वाशिंगटन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ एक ‘‘गोपनीय बैठक’’ की थी. जून में एक खालिस्तानी अलगाववादी नेता की हत्या को लेकर दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद के बीच एक खबर में यह दावा किया गया है. ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की यह खबर तब सामने आई है जब कनाडा ने अपने 62 राजनयिकों में से 36 से अधिक को वापस बुलाने संबंधी भारत के अनुरोध को पूरा नहीं किया है.


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इस कथित बैठक के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. कनाडा की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. जयशंकर न्यूयॉर्क की पांच दिवसीय यात्रा की समाप्ति के बाद 27 से 30 सितंबर तक वाशिंगटन डीसी में थे. जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की “संभावित” संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव आ गया था. भारत ने आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” कहकर खारिज कर दिया था.


ब्रिटिश कोलंबिया में दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. भारत ने उसे 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. खबरों में कहा गया था कि कनाडा के भारत में 62 राजनयिक हैं और भारत ने कनाडा से 10 अक्टूबर तक उसके 41 राजनयिकों को देश से वापस बुलाने को कहा है. सूत्रों ने बताया कि देश में कनाडाई राजनयिक कर्मचारियों की संख्या कम करने संबंधी भारत के अनुरोध पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है.


‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की खबर के अनुसार ट्रूडो और जोली ने पिछले सप्ताह कहा था कि कनाडा गतिरोध को सुलझाने की कोशिश कर रहा है. खबर के अनुसार कई दिन पहले जोली ने वाशिंगटन में जयशंकर के साथ एक गोपनीय बैठक भी की थी. जोली ने बुधवार को ओटावा में संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि जब बातचीत गुप्त रहती है तो कूटनीति हमेशा बेहतर होती है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब भारत की बात होगी तो वह यही दृष्टिकोण अपनाती रहेंगी.


(एजेंसी इनपुट के साथ)