PM मोदी के 20 लाख करोड़ के ‘आर्थिक पैकेज’ में ही समा जाएगी PAK की GDP!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कोरोना संकट (Coronavirus) के चलते सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार को गति देने के लिए मंगलवार को 20 लाख करोड़ (USD 266 बिलियन) के आर्थिक पैकेज की घोषणा की.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कोरोना संकट (Coronavirus) के चलते सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार को गति देने के लिए मंगलवार को 20 लाख करोड़ (USD 266 बिलियन) के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. इस घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर पाकिस्तान को लेकर मीम बनना शुरू हो गए. मसलन, ‘इमरान खान समझ नहीं पा रहे हैं कि 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होते हैं’, वैसे यह तंज सच्चाई से ज्यादा जुदा नहीं है. क्योंकि भारत के इस वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज को यदि पाकिस्तान की सकल घरेलू आय यानी GDP से तुलना करके देखें, तो इमरान ही क्या पड़ोसी मुल्क के किसी भी शख्स के लिए हिसाब लगाना मुश्किल हो जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम संबोधन में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान (Atmanirbhar Bharat Abhiyan) के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया, जो कि देश की कुल GDP का लगभग 10% है. अब यदि इस राशि को डॉलर में तब्दील करें, तो यह 266 बिलियन डॉलर हो जाती है और पाकिस्तान की GDP है 320 बिलियन डॉलर. इस हिसाब से हमारा आर्थिक पैकेज पाकिस्तान की वार्षिक GDP के 83 प्रतिशत के करीब है. वैसे, केवल पाकिस्तान ही नहीं, वर्ल्ड बैंक के GDP इंडिकेटर के हिसाब से यह आंकड़ा 149 देशों की वार्षिक GDP से भी अधिक है.
देश के नाम संबोधन में PM मोदी ने कहा था कि यह वित्तीय पैकेज RBI द्वारा किये गए प्रावधानों को मिलाकर 20 लाख करोड़ रुपए का है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सहायता के अलावा, सरकार ने पिछले महीने गरीबों को लाभ प्रदान करने के लिए 1.74 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की थी, जिसमें नकद हस्तांतरण, 50 लाख बीमा कवर और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने से जुड़े प्रावधान शामिल थे.
20 लाख करोड़ रुपये के इस पैकेज से सुस्त अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए साहसिक सुधारों की जरूरत है ताकि भविष्य में COVID जैसे संकट के प्रभाव को नकारा जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि निवेश को आकर्षित करने और 'मेक इन इंडिया' को मजबूत करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए.