Iran Foreign Minister on Pakistan: बलूचिस्तान में चल रहे एक आतंकी शिविर पर ईरान के मिसाइल अटैक से पाकिस्तान हैरान- परेशान है. उसे समझ नहीं आ रहा है कि वह इस पर क्या प्रतिक्रिया दे. उसने अपनी भड़ास निकालते हुए अपने राजदूत को तेहरान से वापस बुला लिया. साथ ही पाकिस्तान में तैनात ईरान के राजदूत को अगले आदेश तक उसके देश में न आने का फरमान जारी किया है. वहीं पाकिस्तान में कई लोग इस हमले के पीछे मंगलवार को खत्म हुई भारतीय विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर की ईरान यात्रा को देख रह हैं. इस मसले को गरमाते देख अब ईरान और भारत दोनों की प्रतिक्रिया सामने आई है. 


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'केवल आतंकियों को बनाया गया निशाना'


विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेने स्विट्जरलैंड के डावोस शहर में पहुंचे ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहेन ने अपने देश का पक्ष प्रस्तुत किया. अब्दुल्लाहियन ने कहा, 'इस हमले में आतंकी समूह जैश अल-अदल को निशाना बनाया गया. यह आतंकी संगठन पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कई हिस्सों से ऑपरेट करता है. इस आतंकी समूह ने हमारे सुरक्षा बलों पर अटैक किए और उनमें कईयों को मार डाला.'


ईरानी विदेश मंत्री ने कहा, 'तेहरान सरकार ने इस बारे में कई बार पाकिस्तान से आतंकी संगठन पर कार्रवाई करने के लिए कहा लेकिन वहां से कोई एक्शन नहीं लिया गया. इसके बाद ईरान ने आत्मरक्षा में यह अटैक करने का फैसला किया. इस हमले में पाकिस्तान की धरती पर केवल आतंकी समूह को निशाना बनाया गया.' 


'हमें एक्शन लेने पर हिचकिचाहट नहीं'


उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईरान पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है, लेकिन वह अपने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता या खिलवाड़ नहीं करने देगा. ईरानी विदेश मंत्री ने कहा, 'जब राष्ट्रीय हितों और पाकिस्तान के अंदर उन आतंकवादी समूहों की बात आती है तो हमें उन पर एक्शन लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं है.'


जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानकी ओर से पाकिस्तान पर मिसाइलों की बौछार शुरू करने के बाद, इस्लामाबाद ने बुधवार को ईरानी राजदूत को निष्कासित कर दिया. साथ ही तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने इस्लामाबाद में एक प्रेस वार्ता में कहा, पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया है. साथ ही पाकिस्तान में ईरानी राजदूत, जो वर्तमान में ईरान का दौरा कर रहे हैं, उन्हें फिलहाल पाकिस्तान आने से रोक दिया है. 


'ईरान की कार्रवाई पूरी तरह अस्वीकार्य'


पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है और गंभीर परिणामों की चेतावनी दी गई है. इसमें आगे कहा गया कि दोनों देशों के बीच संचार के कई चैनल मौजूद होने के बावजूद ईरान ने यह कार्रवाई की है. बलूच ने कहा, 'पाकिस्तान इस अवैध कृत्य पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार रखता है और परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से ईरान की होगी.' उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद ने ईरानी सरकार को संदेश दे दिया है.'


ईरान में हमले करता रहा है जैश अल-अदल


सुन्नी मुस्लिम सशस्त्र समूह जैश अल-अदल यानी न्याय की सेना ने पाकिस्तान से लगते ईरान के इलाकों में ईरानी सुरक्षा बलों पर हमले किए हैं. अल अरबिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर में जैश अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कम से कम 11 पुलिस कर्मियों की जान चली गई थी. ईरान के आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने घटनास्थल का दौरा करते हुए पाकिस्तान से आग्रह किया था कि वह आतंकवादी समूहों को अपनी सीमाओं के भीतर आधार स्थापित करने से रोके.


सिस्तान-बलूचिस्तान की सीमा अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लगती है. अल अरबिया न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में ईरान के सुरक्षा बलों और सुन्नी आतंकवादियों के साथ-साथ ड्रग तस्करों के बीच संघर्ष का इतिहास रहा है.


सीरिया- इराक के बाद पाकिस्तान को बनाया निशाना


रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में हमले ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) द्वारा इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में इजरायली "जासूसी मुख्यालय" और सीरिया में कथित आईएसआईएस से जुड़े ठिकानों पर मिसाइलें दागने के एक दिन बाद किए गए थे. ईरान ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान क्षेत्र के अंदर तेहरान विरोधी आतंकवादी समूह के मुख्यालय पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया.


ईरान के अटैक पर सामने आया भारत का रिएक्शन


उधर पाकिस्तान के कई पत्रकारों और डिफेंस एक्सपर्टों ने ईरान के इन हमलों के पीछे भारत का हाथ होने का संदेह व्यक्त किया है. उनका कहना है कि भारतीय विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर के तेहरान दौरे से लौटते ही ईरान ने पाकिस्तान पर हमले शुरू कर दिए. लिहाजा दोनों में कुछ न कुछ कनेक्शन जरूर है. इस मुद्दे को तूल पकड़ते देख भारत का रिएक्शन भी सामने आया है.


मीडिया के साथ बातचीत में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'यह पाकिस्तान और ईरान के बीच का एक मामला है. भारत हमेशा से आतंकवाद के ख़िलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की बात करता है. भारत समझता है कि देश जो एक्शन लेते हैं वो अपने सेल्फ़ डिफ़ेंस में लेते हैं.'