Iran Israel war latest: चालीस साल पहले, ईरान और इराक के बीच दुश्मनी थी. आज वो इजरायल से लड़ने के लिए एक हो चुके हैं. कुल मिलाकर  मिडिल ईस्ट में जंग की तैयारी तेज़ हो गई है. ईरान, इराक, लेबनान ने इज़रायल पर हमले की प्लानिंग तैयार की है. ईरान की प्लानिंग के साथ अमेरिका भी तैयार है. इज़रायल की मदद के लिए अमेरिका USS अब्राहम रवाना कर दिया है. इसके साथ ही अतिरिक्त सैन्य मदद भी अमेरिका भेज रहा है.


क्या है ईरान की प्लानिंग ? 


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अमेरिका और ब्रिटेन की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल से जंग का जो प्लान डिकोड हुआ है, उसमें इजरायल को घर में घुसकर मारा जाएगा. इसकी चरणवार तैयारी की गई है. ऐसा लगता है कि हमास ने जिस तरह  इजरायल को कभी न भूलने वाला दर्द दिया था. यहूदी देश के साथ कुछ वैसा ही दोहराने की तैयारी है.  


फेज-1 में सबसे पहले इराकी PMF लेबनान की ओर बढ़ेगी.


फेज़-2 में इराकी PMF हिज़बुल्लाह से मिल जाएगी. सेना की संख्या लगभग 3 से 4 लाख होगी


फेज़- 3 में ईरान भी लेबनान को सैन्य मदद भेजेगा. 


फेज़- 4 में हिजबुल्लाह और PMF मिसाइल और रॉकेट हमला करेंगे. एक ही बार में 2 लाख रॉकेट दागकर आयरन डोम को चकमा देने की तैयारी.


फेज़-5 में 4 लाख सैनिक मार्च करेंगे. वो जमीन के रास्ते दक्षिणी लेबनान से इज़रायल में एंट्री लेंगे.


इजरायल का खात्मा करने के लिए आपसी दुश्मनी और मतभेद भुलाकर ये तैयारी की गई है.


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लेबनान में बढ़ी हलचल


इजरायल पर खतरा मंडराता देख अमेरिका ने तनाव वाले क्षेत्र में डायरेक्ट एंट्री ले ली है. बाइडेन ने साफ साफ कह दिया है कि अमेरिका हर हाल में इज़रायल की सुरक्षा के लिए खड़ा है. अमेरिका ईरान और उसके प्रॉक्सी आतंकी संगठनों के खिलाफ इज़रायल की सुरक्षा करेगा. ये सब बाइडेन ने नेतन्याहू को फोन कर कहा है. हानिया की मौत के बाद बढ़ी टेंशन के बीच बाइडेन और नेतन्याहू के बीच ये बातचीत हुई है जिसका ब्यौरा खुद व्हाइट हाउस ने जारी किया है. यानि अगर अब इज़रायल पर बड़ा हमला होता है तो अमेरिका उसमें सीधे तौर पर शामिल हो जाएगा.


दूसरी ओर क्या चल रहा है?


नेतन्याहू और इज़रायल को घेरने की पूरी तैयारी कर ली गई. ईरान तैयार है, हिज़बुल्लाह तैयार है और किसी भी वक्त ये महाजंग शुरू हो सकती है. एक तरफ हमास चीफ हानिया को दफनाया जा रहा है. तो दूसरी तरफ हिज़बुल्लाह का टॉप फाउद शुक्र को सुपुर्द ए खाक किया गय़ा है. और इसी के साथ दोनों आतंकी संगठनो ने बदला लेने की कसम खाई. हिज़बुल्लाह चीफ नसरल्लाह ने साफ साफ कह दिया है कि अब सब लाइनें क्रॉस हो चुकी हैं और अब इज़रायल को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.


हमास में भी बड़ी बौखलाहट है उसे 24 घंटे के अंदर बड़े बड़े झटके दिए गए. पहले हानिया की मौत हुई फिर उसके मिलिट्री चीफ की मौत का ऐलान किया गया. मोहम्मद दैफ जो कि 7 अक्टूबर के हमले का सबसे बड़ा साजिशकर्ता था. इज़रायल ने उसे भी कल मारने की पुष्टि कर दी. हमास के हाथ अब बंध चुके हैं.वो लाचार हो गया है. युद्ध में हार दिखने लगी है और अब वो पूरी तरह ईरान के भरोसे हैं.जिसके दम पर ही बदला लेने की बात की जा रही है. वहीं ईरान में खामेनेई के हमले के आदेश के बाद ईरान की संसद तक इज़राइल को धमकियां दी जा रही हैं. ईरानी संसद के स्पीकर ने साफ कह दिया कि सही समय पर इज़रायल को जवाब दिया जाएगा.


यानि किसी भी वक्त इजरायल को टारगेट करके ईरान की मिसाइलें और ड्रोन का हमला शुरु हो सकता है.


इसलिये अमेरिका ने अपने 12 युद्धपोत और 4 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात किये हैं. नमें से कुछ ईरान के करीब हैं तो बाकी इजरायल के आसपास समंदर में मौजूद हैं. और इतनी फायरपावर तैनात करने की वजह खुद अमेरिका ने बताई है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, 'मैं किसी एक घटना का प्रभाव. आगे क्या होगा उसकी भविष्यवाणी नहीं कर सकता.'


अब मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ठिकानों और सैनिकों पर भी हमला होने की आशंका है. ईरान की सेना खुद ये हमला करने के बजाय आतंकियों की मदद ले सकती है. इज़रायल ने भी साफ कर दिया कि ज़मीन से लेकर समंदर तक वो पूरी तरह तैयार है. इन सबके बीच नेतन्याहू कल फ्रंट कमांड से मिलने पहुंचे और वहां फिर दोहराया कि जो हम पर वार करेगा, इज़रायल उसे छोड़ेगा नहीं.


नेतन्याहू ने भी कहा है कि वो अपनी शपथ पर कायम हैं. इस बढ़ती टेंशन के बीच हमलों की शुरूआत भी हो चुकी है. लेबनान से उत्तरी इज़रायल पर हमला किया गया तो वहीं इज़रायल ने भी जवाब दिया. ऐसे हालात में जंग का दायरा बढ़ सकता है.और वर्ल्डवॉर भी शुरु हो सकती है.