Solar System: चंद्रमा पर पानी है या नहीं? इस प्रश्न का उत्तर वैज्ञानिक लंबे समय से खोज रहे हैं. लगता है कि अब इस खोज में कोई बड़ा संकेत दिखा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने चंद्रमा पर अरबों टन पानी की खोज कर ली है जो सतह पर बिखरे कांच के छोटे-छोटे मोतियों में कैद है.


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यह दावा चीन के वैज्ञानिकों ने किया है. चीनी स्पेस एजेंसी ने चांद की सतह का सैंपल लाने के लिए चांगई-5 रोवर मिशन भेजा था जिसने दिसंबर 2020 में मिट्टी का सैंपल लिया और उसे लेकर धरती पर वापस आ गया.


मिट्टी के सैंपल की जांच की गई तो पता चला कि उसमें माइक्रोस्कोपिक कांच की मोतियां हैं. इन मोतियों के अंदर पानी होने का सबूत मिला है. मिट्टी की जांच से पता चलता है कि कांच के इन गोलों के भीतर पानी के अणु मौजूद हैं जो चंद्रमा की सतह पर सौर हवा की क्रिया के माध्यम से बनते हैं. चांगई-5 मिशन में करीब 1.7 किग्रा मिट्टी और कांच के 32 मोती इकट्ठा किए गए थे.


कैसे बने कांच के मोती
नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित रिसर्च के को-ऑथर और प्लैनेटरी साइंटिस्ट सेन हू इसकी वजह चंद्रमा की सतह पर गिरने वाले ऐस्टरॉइड को बताते हैं. उन्होंने कहा, कहा, 'चंद्रमा पर छोटे-बड़े ऐस्टरॉइड गिरते रहते हैं. ये हाई-एनर्जी फ्लैश-हीटिंग घटनाएं ग्लास बीड्स (कांच के मोतियों) के बनने का कारण है.'


कांच के मोतियों में कैसे बना पानी
रिपोर्ट के मुताबिक इन मोतियों के अंदर काफी मात्रा में हाइड्रोजन होता है. मोतियों की सतह पर ऑक्सीजन भी मौजूद होती ये. मिट्टी में दबते चले जाते हैं और जब सौर हवा चलती है तब ये हाइड्रोजन-ऑक्सीजन पानी का निर्माण करते हैं.


कांच की हर मोती के अंदर 2000 माइक्रोग्राम पानी स्टोरी होने की संभावना है. दावा किया जा रहा है कि इन कांच के मोतियों में करीब 30 हजार करोड़ लीटर पानी मौजूद है.


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