Japan Set For New PM: जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के नेता के रूप में फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनका कहना है कि पार्टी को 'नई शुरुआत' की ज़रूरत है.  67 वर्षीय LDP के दिग्गज नेता के सितंबर में पार्टी द्वारा नए नेता के चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद से हटने की उम्मीद है.


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बीबीसी के मुताबिक 2021 से प्रधानमंत्री रहे किशिदा के लिए समर्थन उनकी पार्टी से जुड़े भ्रष्टाचार घोटाले, बढ़ती जीवन लागत और गिरते येन के मद्देनजर कम हो गया है. पिछले महीने उनकी अनुमोदन रेटिंग गिरकर 15.5% हो गई थी. यह एक दशक से भी ज़्यादा समय में किसी प्रधानमंत्री के लिए सबसे कम रेटिंग थी.


किशिदा ने बुधवार को अपने फैसले की घोषणा करते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'आगामी राष्ट्रपति चुनाव में लोगों को यह दिखाना जरूरी है कि लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी बदल जाएगी.'


प्रधानमंत्री ने कहा, 'एक पारदर्शी और खुला चुनाव तथा स्वतंत्र और खुली बहस महत्वपूर्ण है. पहला आसान-सा कदम जो यह संकेत देता है कि एलडीपी में बदलाव आएगा, वह यह है कि मैं पीछे हट जाऊं.'


पार्टी के भीतर क्या चल रही हैं चर्चाएं?
पार्टी के भीतर, कुछ लोगों को संदेह है कि क्या  किशिदा 2025 में होने वाले अगले आम चुनाव में एलडीपी को जीत दिला पाएंगे. पार्टी 1955 से लगभग लगातार सत्ता में रही है. फिर भी, उनकी घोषणा से एलडीपी नेता हैरान हैं.


बीबीसी के मुताबिक एक वरिष्ठ नेता ने ब्रॉडकास्टर एनएचके को बताया कि उन्होंने किशिदा को पद के लिए राजी करने की कोशिश की थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा करना 'गैर-जिम्मेदाराना' होता.


पार्टी में  किशिदा के गुट के एक सदस्य ने इस फैसले को 'बहुत खेदजनक और दुर्भाग्यपूर्ण' बताया, साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री का 'विदेश नीति, रक्षा नीति और घरेलू राजनीति में अच्छा रिकॉर्ड रहा है, लेकिन राजनीति और पैसे के मुद्दे के कारण उन्हें [पद छोड़ने] के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.'


राजनीतिक सकंट
जानकारों का कहना है कि जापान 'पीढ़ी में एक बार' आने वाले राजनीतिक संकट से गुजर रहा है. सत्तारूढ़ पार्टी को अपनी छवि को साफ करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.


पिछले दिसंबर में, सत्तारूढ़ पार्टी के सबसे शक्तिशाली गुट से जुड़े एक धन उगाही घोटाले के कारण एलडीपी के चार कैबिनेट मंत्रियों ने एक पखवाड़े के भीतर इस्तीफा दे दिया था.


इसी गुट के पांच वरिष्ठ उप-मंत्री और एक संसदीय उप-मंत्री, जिनका नेतृत्व पूर्व में दिवंगत प्रधानमंत्री शिंजो आबे करते थे, ने भी इस्तीफा दे दिया. 


इसके अलावा बढ़ती खाद्य कीमतों ने भी किशिदा की लोकप्रियता को खासा नुकसान पहुंचाया. 


Photo courtesy- Reuters