काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) के काबुल में हुए ब्लास्ट (Kabul Blast) में मरने वालों की संख्या 90 हो गई है. बीती रात हुए 5 धमाकों पर दुनियाभर से प्रतिक्रिया आ रही है. जिस ISIS-K ने काबुल में हुए हमले की जिम्मेदारी ली, उसका चीफ असलम फारूखी (Aslam Farooqui) पाकिस्तान (Pakistan) का है.


अंधेरे में है अफगानिस्तान का भविष्य


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काबुल में हुए सीरियल ब्लास्ट ने साबित कर दिया है कि अफगानिस्तान का भविष्य अंधेरे में है. अफगानिस्तान युद्ध भूमि बना हुआ है. वहां कब क्या होगा पता नहीं? वहां एक-एक जान खौफ के साए में है क्योंकि अफगानिस्तान में आतंक का त्रिकोण बना है. जहां अफगानिस्तान में बगदादी और बरादर के मिलने से धमाके हुए और उसका नतीजा 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.


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काबुल धमाके से दुनिया में मची हलचल


बता दें कि काबुल में हुए आत्मघाती हमले से पूरी दुनिया में हलचल मच गई है. कई देशों ने अपने नागरिकों को अलर्ट करते हुए संदेश जारी किया है कि अगर नागरिक काबुल एयरपोर्ट के पास हों तो हट जाएं. तो क्या अफगानिस्तान से हटना ही आखिरी विकल्प है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 20 साल के बाद अफगानिस्तान में फिर से आतंकी शक्तियां एकजुट हो रही हैं. माना जा रहा है कि तालिबान, आईएसआईएस और हक्कानी नेटवर्क का गठजोड़ बन सकता है.



भारत से कैसे रिश्ते चाहता है तालिबान?


भारत और कश्मीर पर तालिबान ने बयान जारी किया है. तालिबानी प्रवक्ता जैबुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालिबान भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है. वहीं पाकिस्तानी चैनल पर जैबुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि कश्मीर पर भारत अपना रवैया सुधारे. उसने पाकिस्तान को दूसरा घर बताया.


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बता दें कि असलम फारूखी पहले लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था. उसपर हक्कानी नेटवर्क के साथ मिलकर कई धमाकों को अंजाम देने का आरोप है.


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