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काबुल/वॉशिंगटन: काबुल एयरपोर्ट के पास ब्लास्ट (Kabul Airport Blast) के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) को चेतावनी है और कहा है कि हमला करने वाले नहीं बचेंगे. उन्होंने कहा कि ISIS के गुनहगारों को अमेरिका ढूंढ़कर सजा देगा. हम अपनी जगह और अपने वक्त पर दुश्मन को जवाब देंगे.
अपने सैनिकों और आम अफगानियों की मौत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भावुक हो गए और कहा कि आईएसआईएस को इसकी कीमत चुकानी होगी. हम इस जख्म को भूलेंगे नहीं. हम एक-एक आतंकी को खोजकर मौत के घाट उतारेंगे.
जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा, 'वो जिन्होंने ये हमला किया है या वो, जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. वो ये बात ठीक से जान लें कि हम ना माफ करेंगे और ना ही भूलेंगे. हम दुश्मनों को ढूंढ निकालेंगे और उन्हें इसके किए की सजा जरूर मिलेगी.' आतंकी हमले के बाद जो बाइडेन के बयान को इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ ऐलान-ए-जंग के रूप में देखा जा रहा है.
जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा, 'हमारी इंटेलिजेंस थी कि आईएसआईएस (ISIS) के आतंकी अमेरिकी नागरिकों पर हमले की फिराक में हैं. हमारे कमांडोज ने इस बात को साफ किया था कि हमें अपना मिशन पूरा करना चाहिए और हम इसे पूरा करके रहेंगे. ISIS के आतंकवादी नहीं जीतेंगे. हम अमेरिकी लोगों को बाहर निकाल लेंगे.'
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने कहा, 'काबुल में धमाके से हालात खराब हो गए हैं और हम फ्रांस के राजदूत वापस बुलाएंगे.' वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा, 'तालिबान को मान्यता देने पर अभी फैसला नहीं लेंगे.
अफगानिस्तान में गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे (Kabul Airport) के पास आत्मघाती हमलों और बंदूकधारियों द्वारा भीड़ पर किए गए हमले में कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है. हमले में 13 अमेरिकी नौसैनिक मारे गए हैं, जबकि 18 घायल हुए हैं. एक अफगान अधिकारी ने दावा किया है कि हवाई अड्डे पर हुए हमले में कम से कम 60 अफगानी मारे गए हैं और करीब 143 अन्य घायल हुए हैं.
अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट कर तालिबान के आईएसआईएस के साथ संबंधों का दावा किया है. उन्होंने कहा, 'हमारे पास मौजूद हर सबूत से पता चलता है कि IS-K की जड़ें तालिब और हक्कानी नेटवर्क में हैं, जो खासकर काबुल में सक्रिय हैं. तालिबान ने आईएसआईएस के साथ अपने रिश्ते को खारिज कर दिया है. ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने क्वेटा शूरा पर पाक के लिंक से इनकार कर दिया था.
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