World’s Brightest student: अमेरिकन इंस्टीट्यूट जॉन हॉपकिंस सेंटर फॉर टैलेंटेड यूथ (Johns Hopkins Center For Talented Youth's) ने दुनियाभर के 76 देशों के 15000 छात्र-छात्राओं की ऊपरी ग्रेड स्तर की परीक्षा के नतीजों के आधार पर भारतीय मूल की अमेरिकी छात्रा नताशा पेरियानायगम (Natasha Perianayagam) को लगातार दूसरे साल दुनिया की सबसे मेधावी छात्रा घोषित किया है. नताशा पेरी ने 2021 में भी जॉन हॉपकिंस सेंटर फॉर टैलेंडेउ यूथ (CTY) की परीक्षा दी थी. उस समय वो पांचवीं क्लास की छात्रा थी.


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मौखिक एवं मात्रात्मक योग्यता की परीक्षा में नताशा का प्रदर्शन ग्रेड आठ में 90 पर्सेंटाइल हासिल करने के बराबर था, जिस कारण उन्हें इस लिस्ट में जगह दी गई. यूनिवर्सिटी ने अपने बयान में कहा कि नताशा को इस साल एसएटी, एसीटी, स्कूल और कॉलेज एबिलिटी टेस्ट या सीटीवाई टैलेंट सर्च के तहत लिए गए समान मूल्यांकन में असाधारण प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया. पेरियानायगम के माता पिता चेन्नई से हैं.


नताशा की हॉबी


नताशा को खाली समय में गूगल डूडल (Google Doodle) बनाना और जेआरआर (JRR) टोल्किन के उपन्यास पढ़ना पसंद है. आपको बताते चलें कि CTY दुनियाभर में असाधारण मेधावी छात्रों की पहचान के लिए अपर ग्रेड लेवल एक्जाम का आयोजन करता है और बच्चों की अकादमिक क्षमताओं के बारे में एकदम साफ तस्वीर पेश करता है. अपने हालिया प्रयास में नताशा ने सभी कैंडिडेट्स से ज्यादा ग्रेड हासिल किए.


13 वर्षीय पेरियानयागम न्यू जर्सी में फ्लोरेंस एम गौडिनीर मिडिल स्कूल की छात्रा हैं. पेरियानयागम के माता पिता दोनों चेन्नई से हैं. बता दें कि CTY ने दुनिया के मोस्ट टैलेंटेड बच्चों की पहचान करने के लिए यह परीक्षा आयोजित की थी.


लगातार दूसरे साल किया कमाल


नताशा साल 2020-21 में पहली बार टैलेंट हंट सीटीवाई (CTY) में शामिल हुई थी. तब 84 देशों के लगभग 19000 विद्यार्थियों में से उन्हें सबसे होशियार पाया गया था. आपको बताते चलें कि CTY दुनिया भर के मेधावी छात्रों की पहचान करने और उनकी वास्तविक शैक्षणिक क्षमताओं की एक स्पष्ट तस्वीर प्रदान करने के लिए ‘अबव ग्रेड लेवल’ परीक्षा आयोजित करता है. इस बच्ची ने पहली बार में ही अपनी टैलेंट का झंडा गाड़ दिया था. तब पेरी ने कहा, यह प्राइज मुझे लाइफ में और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करता है. 


परीक्षा पास करने वाले स्टूडेंट्स को मिलती है स्कॉलरशिप


स्कूली मूल्यांकन परीक्षा (सैट) और अमेरिकी कॉलेज परीक्षा (एसीटी) दोनों ही मानकीकृत परीक्षाएं हैं, जिनके आधार पर कई कॉलेज यह निर्धारित करते हैं कि किसी छात्र को दाखिला देना है या नहीं. कुछ मामलों में, कंपनियां और एनजीओ इन अंकों के आधार पर बच्चों को स्कॉलरशिप भी देते हैं. अमेरिका में सभी कॉलेजों के लिए विद्यार्थियों का एसएटी या फिर एसीटी लेना जरूरी होता है और उनके नंबर संबंधित विश्वविद्यालयों को सौंपने होते हैं.


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