US President Election:  अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होना है. राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस हैं, दूसरी तरफ रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप हैं. दोनों के बीच कांटे का मुकाबला है. पूरी दुनिया की नजर इन दिनों अमेरिका के चुनाव पर टिकी हैं, इसी बीच रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिकी चुनाव को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे अमेरिका नाराज हो गया. 


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अमेरिका क्यों हुआ नाराज?
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि अमेरिकी चुनाव में वह कमला हैरिस को राष्ट्रपति के रूप में पसंद करते हैं और उनका समर्थन करते हैं. जिसके बाद से अमेरिका नाराज हो गया. व्हाइट हाउस ने पुतिन से अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप न करने के लिए कहा. व्हाइट हाउस ने व्लादिमीर पुतिन से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बारे में 'बात करना बंद करने' का आग्रह किया. 


राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, 'केवल अमेरिकी लोगों को ही यह तय करना चाहिए कि संयुक्त राज्य अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा'. 'हम बहुत आभारी होंगे यदि मिस्टर पुतिन हमारे चुनाव के बारे में बात करना बंद कर दें और हस्तक्षेप करना बंद कर दें.'


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पुतिन ने क्या दिया बयान?
गुरुवार को व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फ़ोरम में बोलते हुए पुतिन ने कहा था कि वे हैरिस का समर्थन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे "इतनी स्पष्ट और दुसरों को पसंद आने वाली हंसी हंसती हैं कि इसका मतलब है कि उनके साथ सब कुछ ठीक है'. इसलिए मेरा समर्थन उनके साथ है. उनके इस बयान के बाद पुतिन और मॉडरेटर दोनों मुस्कुराते हुए देखे गए, जब उन्होंने यह टिप्पणी की, जिस पर दर्शकों ने तालियाँ बजाईं.


2016, 2020 में लगा रूस पर गंभीर आरोप
अमेरिकी एजेंसियों का दावा है कि पुतिन ने हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ ट्रम्प के अभियान में मदद करने के लिए 2016 के चुनावों के दौरान एक गलत सूचना अभियान चलाया था, जिसके बाद रूस ने इन आरोपों से इनकार किया था. इसी तरह के दावे 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान किए गए थे, जिसमें जो बाइडेन जीते थे. हालांकि, इस महीने की शुरुआत में मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने स्वीकार किया कि कोई रूसी दुष्प्रचार नहीं था और FBI तथा अन्य एजेंसियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कंटेंट को सेंसर करने के लिए मजबूर किया था.


2024 चुनाव में भी रूस पर गंभीर आरोप
बाइडन प्रशासन ने बुधवार को रूस पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए गंभीर प्रयास करने का आरोप लगाया. राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने आरोप लगाया गया कि गलत सूचना को बढ़ावा देने के साथ ही रूस के सरकारी मीडिया द्वारा दुष्प्रचार के लिए कुछ प्रभावशाली अमेरिकी लोगों को भी शामिल करने का प्रयास किया जा सकता है. अमेरिकी सरकार द्वारा की गई कार्रवाई में सरकारी मीडिया संगठन ‘आरटी’ के अधिकारी के विरुद्ध प्रतिबंध लगाना शामिल हैं, जिसे न्याय विभाग द्वारा विदेशी एजेंट के रूप में पंजीकरण कराने के लिए मजबूर किया गया था, साथ ही वीजा प्रतिबंध भी लगाए गए थे. 


खुफिया एजेंसियां पहले भी लगा चुकी हैं आरोप्र
खुफिया एजेंसियां पहले भी रूस पर चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए गलत सूचना को प्रसारित करने का आरोप लगा चुकी हैं. हालांकि, अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड की ओर से अपेक्षित घोषणा से अमेरिका की गहरी चिंता के संकेत मिल सकते हैं. न्याय विभाग के प्रवक्ता ने इस संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय के एक अधिकारी ने हाल में एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘‘रूस (अमेरिकी) राष्ट्रपति पद की दौड़ सहित चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है.’’ अधिकारियों ने बताया कि क्रेमलिन से जुड़े समूह डिजिटल प्रचार-प्रसार के काम को आउटसोर्स करने के लिए रूस के भीतर मार्केटिंग और संचार फर्मों को नियुक्त कर रहे हैं. 


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