काबुल पर कब्जे के 48 घंटे बाद तालिबान ने बताए इरादे, मुल्ला बरादर की अफगानिस्तान में एंट्री
काबुल (Kabul) पर कब्जे के 48 घंटे बाद तालिबान (Taliban) ने पहली बार बताया है कि उसके आगे के इरादे क्या हैं. इस बीच मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) अफगानिस्तान के शहर कंधार (Kandahar) पहुंच चुका है.
काबुल: काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान (Taliban) ने पहली बार अधिकारिक तौर पर अपने इरादे जाहिर किए हैं. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने कहा, उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है और अपने नेता के आदेश पर सभी को माफ कर दिया है. मुजाहिद का कहना है कि वे जल्द ही एक ऐसा समझौता करेंगे, जिसके जरिए देश में इस्लामी सरकार की स्थापना होगी. इस बीच तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) अफगानिस्तान के शहर कंधार (Kandahar) पहुंच चुका है.
उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को घोषित किया राष्ट्रपति
इस बीच अफगानिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया है. सालेह ने ट्वीट कर कहा है, अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, डेथ या भाग जाने की स्थिति में उपराष्ट्रपति देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति होंगे. सालेह ने यह भी कहा है कि वह अभी भी देश के अंदर ही हैं और कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं. अन्य नेताओं से मिलकर सपोर्ट हासिल कर रहे हैं.
दूतावास पूरी तरह सुरक्षित
दूसरी तरफ तालिबान (Taliban) के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने काबुल (Kabul) की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होने का दावा करते हुए कहा, तालिबान के लड़ाके कई जगहों पर तैनात हैं. मुजाहिद का कहना है कि विदेशी दूतावासों की सुरक्षा उनके लिए अहम है और वे यह संकल्प लेते हैं कि दूतावास पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे. मुजाहिद का कहना है कि काबुल के बाहरी इलाके में पहुंचने के पहले ही दिन उन्होंने अपनी सेना को शहर में एंट्री करने से रोक दिया था, लेकिन कुछ लोगों ने हालात का दुरुपयोग किया और लोगों को लूटने का प्रयास किया. लेकिन अब लोग सुरक्षित महसूस कर रहे होंगे.
महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा
मुजाहिद का कहना है कि इस्लामिक अमीरात (Islamic emirate) दुनिया के तमाम देशों से वादा कर रहा है कि अफगानिस्तान से किसी देश को कोई खतरा नहीं होगा. अफगानिस्तान में मूल्यों के आधार पर नियमों को लागू करने का अधिकार है, इसलिए अन्य देशों को इन नियमों का सम्मान करना चाहिए. साथ ही इस्लाम के आधार पर महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए मुजाहिद ने कहा, महिलाएं स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में जहां जरूरत हो वहां काम कर सकती हैं. महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.
(INPUT: AP)
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