काठमांडू: नेपाल (Nepal) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को सख्त चेतावनी दी है. नेपाल सरकार ने रविवार को अपने नागरिकों से कहा कि मित्र देशों के सम्मान को नुकसान पहुंचाने वाला कोई भी निंदनीय और अपमानजनक काम ना करें. दरअसल, नेपाल में कुछ लोगों ने भारत के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया था, जिसके बाद स्थानीय सरकार ने चेतावनी जारी की.


युवा संगठनों ने किया था Protest


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नेपाल के गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गत कुछ दिनों में मित्र देश के प्रधानमंत्री (Prime Minister) की छवि को धूमिल करने के लिए हो रही नारेबाजी, प्रदर्शन और पुतले जलाने की घटना सामने आई है, जो पूरी तरह से गलत है. हालांकि, गृह मंत्रालय ने अपने बयान में नेता की पहचान उजागर नहीं की, लेकिन उसका ये बयान सत्तारूढ़ गठबंधन, विपक्षी दलों से जुड़े कुछ छात्र और युवा संगठनों की ओर से हुए प्रदर्शन के बाद आया है. 


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दोस्ताना संबंध रखने की इच्छा


प्रदर्शनकारियों ने जुलाई में भारत से लगती सीमा पर महाकाली नदी पार करते हुए नेपाली युवक के डूबने की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया था और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया था. बयान में आगे कहा गया है. ‘नेपाल सरकार की इच्छा सभी मित्र देशों के साथ दोस्ताना संबंध रखने की है और वह प्रतिबद्ध है कि ऐसी किसी भी गतिविधि को रोका जाए, जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंच सकता है. हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे मित्र देशों के मान-सम्मान को नुकसान पहुंच सकता है’.


Government उठाएगी कड़े कदम


गृह मंत्रालय ने कहा कि नेपाल की परपंरा पड़ोसी देशों के साथ विवाद को कूटनीतिक माध्यम से और आपसी बातचीत से सुलझाने की रही है. भविष्य में भी कूटनीतिक पहल और आपसी बातचीत का इस्तेमाल किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए किया जाएगा. बयान में चेतावनी देते हुए कहा गया कि गृह मंत्रालय पड़ोसी देशों को निशाना बनाने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए कार्रवाई करेगा और उन लोगों को सजा देगा जो ऐसी गतिविधियों में शामिल होंगे. 


इस हादसे पर जताया था गुस्सा


कहा जाता है कि बयास ग्रामीण नगरपालिका के 33 वर्षीय जय सिंह धामी महाकाली नदी अस्थायी रोपवे के माध्यम से पार कर रहे थे, लेकिन भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा में तैनात सशस्त्र सीमा बल के जवानों को देख नदी में कूद गए थे. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, धामी गैर कानूनी तरीके से नेपाल के धारचुला से भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले स्थित गास्कू आ रहे थे. वहीं, मामले की जांच कर रही नेपाली जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह घटना भारतीय सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में हुई थी.