Niger Latest Updates: अफ्रीक देश नाइजर में सैन्य तख्तापलट और राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को हिरासत में लेने के बाद हालात काफी खराब हो गए हैं. दशकों तक यूरोपीय देशों की ओर से हुए शोषण की वजह से वहां की जनता अपने राजनेताओं और यूरोपीय देशों से उखड़ी हुई थी. जो अब तख्तापलट के बाद ज्वालामुखी के रूप में फूटकर बाहर आ रहा है. इस देश को फ्रांस ने कब्जा कर अपना उपनिवेश बना रखा था. देश को आजादी देने के बाद भी उस पर फ्रांस का प्रभाव  बना रहा और सभी बड़ी कंपनियों पर उसका आधिपत्य रहा. इस काम में वहां के निर्वाचित नेता भी फ्रांस और दूसरे यूरोपीय देशों का साथ दे रहे थे.


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नाइजर से भाग रहे हैं यूरोपियन नागरिक


अब वहां पर सैन्य तख्तापलट (Niger Military Coup) के बाद लोग फ्रांस (France) और दूसरे यूरोपीय देशों की संपत्तियों पर हमला कर रहे हैं. इसके चलते नाइजर में बसे यूरोपियन में घबराहट बढ़ती जा रही है. इसे देखते हुए फ्रांस और इटली ने नाइजर से यूरोपीय देशों के नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है. विदेशी नागरिक बुधवार को बड़ी संख्या में नियामी हवाई अड्डे पर फ्रांस जाने वाली सैन्य उड़ान का इंतजार करते देखे गए. 


इन देशों ने शुरू किया निकासी अभियान


नाइजर में पिछले हफ्ते हुए सैन्य तख्तापलट (Niger Military Coup) के बाद फ्रांस (France), इटली और स्पेन ने अपने और यूरोपीय देशों के नागरिकों को निकालने की घोषणा की है. उन्हें इस बात की चिंता है कि उसके नागरिक इस देश में फंस सकते हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने हालांकि अपने देश के सैनिकों राजनयिकों, सहायताकर्मियों और अन्य नागरिकों को निकालने के संबंध में अब तक कोई घोषणा नहीं की है. वह अभी वेट एंड वॉच की मुद्रा में है. 


अब 449 लोगों को नाइजर से निकाला गया


वहीं फ्रांस (France) के विदेश मंत्रालय ने बताया कि दो विशेष सैन्य उड़ानों के जरिए 350 फ्रांसीसी नागरिकों और 10 अन्य देशों के लोगों को निकाला गया है. इसके साथ ही नाइजर के कई लोगों को भी वहां से फ्रांस ले जाया गया है. उधर इटली के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उनके देश का सैन्य विमान बुधवार को 99 यात्रियों को लेकर रोम में उतरा. इनमें अमेरिका और अन्य देशों के 21 नागरिक सवार थे. 


(एजेंसी भाषा)