Pakistan में अब सेना और Government पर तंज भी नहीं कस सकेगा Media, नए कानून का हो रहा विरोध
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अब मीडिया के कटाक्षों से भी बचने का रास्ता खोज रही है. यही वजह है कि सरकार ने ऐसा कानून प्रस्तावित किया है कि पूरे देश में उसका विरोध हो रहा है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान खान (Imran Khan) सरकार (Government) ने मीडिया को लेकर नए नियमों का ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसका पूरे देश में जमकर विरोध हो रहा है. इस ड्राफ्ट के तहत अब पाकिस्तान में मीडिया (Media) सेना और सरकार के खिलाफ नहीं बोल सकेगा. इतना ही नहीं इसमें यहां तक कह दिया गया है कि कोई भी मीडिया सेना, संसद, सरकार और उसके मुखिया पर तंज नहीं कस सकेगी.
विपक्ष कर रहा विरोध
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक देश के विपक्षी दलों पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज ने नए कानून को मीडिया मार्शल लॉ करार देते हुए इसे खारिज कर दिया है. पार्टियों ने कहा है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने वाले नियम हैं. इमरान खान सरकार द्वारा प्रस्तावित पाकिस्तान मीडिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी ऑर्डिनेंस 2021 को लेकर पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा है कि यह मीडिया पर नियंत्रण करने की कोशिश है. इसके जरिए सरकार मीडिया संस्थानों को अपना मुखपत्र बना लेना चाहती है. वरना इन संस्थानों के पास अपना काम बंद करने के सिवाय कोई रास्ता नहीं होगा.
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ऐसा है नया कानून
- पाकिस्तान सरकार ने इस नए कानून (Ordinance) के तहत मीडिया से जुड़े पिछले कई कानूनों के विलय का प्रस्ताव रखा है. इस नए कानून के तहत प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक की नियमावलि तय की जाएगी.
- नए कानून के तहत एक अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जो देश में सभी तरह के मीडिया की नियमावली तय करेगी. इस अथॉरिटी में कुल 11 सदस्य होंगे और एक चेयरपर्सन होगा. इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी.
- नए नियमों के तहत देश में अखबार और डिजिटल मीडिया के संचालन के लिए भी टीवी चैनलों की तरह ही लाइसेंस की जरूरत होगी.
- इस ड्राफ्ट में नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, यूट्यूब चैनलों, वीडियो लॉग्स आदि को लेकर भी नियमावली तय करने की बात कही गई है.
सबसे ज्यादा आपत्ति इस नियम पर
नए कानून के बाकी नियमों को लेकर तो कुछ खास आपत्ति नहीं की जा रही है लेकिन इसमें एक नियम ऐसा है, जिसने देश में विरोध भड़का दिया है. इसमें मीडिया पर सेना और सरकार पर तंज कसने तक पर रोक लगाई गई है. कानून में कहा गया है कि कोई भी सेना, संसद, सरकार और उसके मुखिया को लेकर तंज नहीं कस सकता है, यदि उसके कारण या तो हिंसा की आशंका हो या फिर उनकी मानहानि होती हो. इस नियम को ही पाकिस्तान का मीडिया मार्शल लॉ कहा जा रहा है.