US-Pakistan Relations: पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर आई है. दरअसल, अमेरिका ने पाकिस्तान (Pakistan) की मिसाइलों की चिप निकाल ली है, जिसकी वजह से पाकिस्तान के लिए नई मिसाइलें बनाना मुश्किल हो गया है. अमेरिका ने पाकिस्तान को तकनीकी मदद देने वाली चार कंपनियों को बैन कर दिया है. अमेरिका का ये स्ट्राइक वैसे तो चीन पर था. लेकिन कराह रहा है पाकिस्तान. आइए समझते हैं कि ऐसा कैसे हो गया है. चीन को दी गई चोट पाकिस्तान को क्यों जा लगी है.


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चीन को झटका और दर्द में पाकिस्तान


चीन की तकनीक और उसकी मिसाइलों पर रंग रोगन कर अपना नाम देने वाले पाकिस्तान को अमेरिका ने अब तक का बड़ा झटका दिया है. इस झटके का असर पाकिस्तान और उसके आका चीन दोनों पर हुआ है. दरअसल, अमेरिका ने चीन की 3 और बेलारूस की एक कंपनी पर पाबंदी लगा दी है. ये कंपनियां पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम में मदद कर रही थीं.


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पाकिस्तान का बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम ठप


अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि ये चारों कंपनियां बड़े पैमाने पर तबाही फैलाने वाले हथियारों और उनकी सप्लाई में शामिल हैं. इसी आधार पर अमेरिका ने कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है. मतलब साफ है कि अब पाकिस्तान का बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम ठप पड़ जाएगा. अमेरिका का कहना है कि वो विनाशकारी हथियारों के खिलाफ कार्रवाई करता रहेगा. सवाल है कि क्या पाकिस्तान दुनिया से छिपकर कोई विनाशकारी हथियारों का निर्माण तो नहीं कर रहा है?


अमेरिकी एक्शन के आगे पाकिस्तान लाचार


उधर, पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है, हमें कोई चीज देता ही नहीं है. इंडियंस के पास पैसा है वो हर चीज लिए जा रहे हैं. इंडिया और यूएस रिलेशनशिप में हर चीज के दरवाजे खुले हुए हैं. ये पाकिस्तान की पॉलिटकल क्लास को फैसला करना है क्योंकि दुनिया आपको इस वक्त प्रो चाइना देख रही है.


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क्या रहा पाकिस्तान का रिएक्शन?


पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम पर अमेरिकी एक्शन के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने लाचारी भरा बयान जारी किया है. हमें अमेरिका की ओर से की गई हाल की कार्रवाई की विशेष जानकारी नहीं है लेकिन अतीत में हमें ऐसे कई अवसरों पर देखने को मिला कि शक के आधार पर प्रतिबंध लगाए गए हैं.


पाकिस्तान पर पहले भी हो चुका है एक्शन


पाकिस्तान ने इशारों ही इशारों में अमेरिकी प्रतिबंधों को मनमाना फैसला करार दिया है. अमेरिका का प्रतिबंध अचानक नहीं आया है, इसके लिए पाकिस्तान खुद जिम्मेदार है. ये पहली बार नहीं है कि जब अमेरिका ने पाकिस्तान पर इस तरह का प्रतिबंध लगाया है.


गौरतलब है कि साल 2021 में अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तान की 13 कंपनियों पर ये आरोप लगाकर प्रतिबंध लगा दिया था कि ये कंपनियां पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम में कथित तौर पर मदद दे रही हैं. इसके बाद साल 2023 में भी अमेरिका ने पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के सामान उपलब्ध कराने के आरोप में चीन की 3 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे.