US Bans Chinese Company News: पाकिस्तान और चीन का बड़ा सपना, जो अमेरिका के एक ऑर्डर के बाद हमेशा के लिए टूट गया. दरअसल पाकिस्तान अपने जंगी बेड़े में शाहीन-3 नाम के एक मिसाइल को शामिल करने का कार्यक्रम चला रहा था. इसके लिए चीन पैसा, तकनीक और उपकरण से पाकिस्तान की मदद कर रहा था. लेकिन अमेरिका ने अब उस कंपनी पर ही प्रतिबंध लगा दिया है. जिससे पाकिस्तान और चीन की सालों पुरानी कोशिश नाकामयाब हो गई है.


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पाकिस्तान को यूएस ने दिया बड़ा झटका


हिंदुस्तान पर मिसाइल दागने की सनक लिए बैठे पाकिस्तान को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. इस बार पाकिस्तान के नापाक इरादों पर 7 समंदर पार अमेरिका ने पानी फेर दिया है. ड्रैगन की गोद में बैठे जिन्नालैंड को अमेरिका ने करारा तमाचा जड़ा है. 


पाकिस्तान बीते कुछ साल से लगातार शाहीन-3 मिसाइल पर काम कर रहा था. कई बार इसके डिजाइन में बदलाव कर इसकी टेस्टिंग की गई. शहबाज और मुनीर दिन रात भारत पर मिसाइल दागने का सपना देख रहे थे. लेकिन कंगाल पाकिस्तान का एक और सपना फिर से टूट गया है.


अमेरिका ने चीनी कंपनी पर लगाया बैन


वैसे तो पाकिस्तान की सैन्य ताकत हिंदुस्तान के सामने काफी बौनी है. लेकिन शाहीन-3 मिसाइल का सफल परीक्षण कर पाकिस्तान अपने परमाणु बेड़े में इजाफा करने की प्लानिंग कर रहा था. जिन्नालैंड के इस नापाक मंसूबे को मुकाम तक पहुंचाने में ड्रैगन भी पाकिस्तान के साथ था. 


दरअसल शाहीन-3 मिसाइल कार्यक्रम में चीन की एक कंपनी पाकिस्तान की मदद कर रही थी. चीन की इसी कंपनी से पाकिस्तान को शाहीन-3 मिसाइल के लिए उपकरण मुहैया कराए जा रहे थे. लेकिन अमेरिका ने चीनी कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया. इस प्रतिबंध के बाद अब पाकिस्तान को शाहीन-3 के लिए कई जरूरी उपकरण नहीं मिल पाएंगे. 


अब कैसे उड़ेगी पाकिस्तान की ये मिसाइल?


पाकिस्तान को इसके लिए चीन से ना केवल तकनीकी सहायता मिल रही थी बल्कि इस प्रोजेक्ट में खर्च करने के लिए करोड़ों डॉलर भी बीजिंग से भिजवाए गए थे. चीन जानता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से अदावत है. यही वजह है कि चीन लगातार पाकिस्तान को मजबूत कर हिंदुस्तान के खिलाफ दबाव बनाने की कोशिश करता है.


लेकिन इस बार ड्रैगन और जिन्नालैंड के ड्रीम प्रोजेक्ट पर सबसे बड़ा हंटर चला है. जानकार भी इस बात को मानते हैं कि शाहीन-3 मिसाइल भारत के लिए चिंता का सबब बन सकती है. पाकिस्तान का दावा था कि शाहीन-3 मिसाइल परमाणु ताकत से लैस होगी. साथ ही दावा है कि शाहीन मिसाइल की रेंज 2 हजार 7 सौ 50 किलोमीटर है. जो भारत के किसी भी शहर को निशाना बना सकती है.


अब पूरा नहीं हो पाएगा जिन्नालैंड का ख्वाब


लेकिन अब पाकिस्तान के इस प्लान को बड़ा झटका लगा है. चीन बीते कई साल से इस मिसाइल पर करोड़ों डॉलर खर्च कर रहा था. यही वजह है कि अमेरिका के इस एक्शन का ड्रैगन अब लगातार विरोध कर रहा है. ऐसा पहली बार नहीं है कि अमेरिका ने किसी चीनी कंपनी पर इस तरह का बैन लगाया हो. पहले भी अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े चीनी, बेलारूस और नॉर्थ कोरिया की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है.


सैन्य ताकत के मामले में हिंदुस्तान से कोसों पीछे पाकिस्तान शाहीन-3 मिसाइल के जरिए एक साथ कई कदम आगे बढ़ने का ख्वाब देख रहा था, जो अब कभी पूरा नहीं हो पाएगा.


अग्नि- 5 और शाहीन- 3 में तुलना


दरअसल पाकिस्तान ने शाहीन-3 पर काम करना 24 साल पहले शुरू किया था. ये वो वक्त था जब भारत ने अग्नि-3 मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जो पाकिस्तान में किसी भी लक्ष्य को ध्वस्त करने में सक्षम थी. शाहीन-3 का पहला परीक्षण 9 मार्च 2015 को किया गया था. अब आपको बताते हैं कि पाकिस्तान की शाहीन-3 और भारत की अग्नि-5 में कौन ज्यादा विध्वंसक है.


सबसे पहले बात मारक क्षमता की करते हैं. अग्नि-5 की मारक क्षमता बहुत अधिक है. अग्नि-5 चीन के पूर्वी समुद्री तट सहित 8 हजार किलोमीटर दूर तक के लक्ष्य को मार गिराने में सक्षम है. वहीं पाकिस्तान जिस शाहीन-3 पर काम कर रहा था. उसकी रेंज महज 2750 किलोमीटर है. 


अब बात काम करने के तरीके और नेविगेशन क्षमता की करते हैं. अग्नि-5 और शाहीन-3 दोनों ही तकरीबन एक है. दोनों मिसाइलें LIQUID और SOLID PROPULSION SYSTEM और मॉडर्न नेविगेशन तकनीक का उपयोग करती है. 


बेहद घातक है भारत की अग्नि- 5


बात MULTIPURPOSE CAPACITY की करें तो अग्नि-5 इस मामले में शाहीन-3 से कहीं आगे है. अग्नि-5 को सड़क और रेल दोनों तरह के मोबाइल लॉन्चर से छोड़ा जा सकता है. जबकि शाहीन-3 को केवल सड़क यानी किसी STABLE जगह से ही लॉन्च किया जा सकता है. जबकि अग्नि 5 इस मामले में कहीं अधिक FLEXIBLE है. साफ है कि हिंदुस्तान का अग्नि-5, पाकिस्तान के शाहीन-3 से कहीं अधिक ताकतवर है.