घर में घुसकर पाकिस्तान की अफगानिस्तान ने कर दी 'सुपर बेइज्जती', मुंह दिखाने लायक नहीं रहे शहबाज
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घर में घुसकर पाकिस्तान की अफगानिस्तान ने कर दी 'सुपर बेइज्जती', मुंह दिखाने लायक नहीं रहे शहबाज

Pakistan Relations Taliban: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर में एक सरकारी कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें खैबर के चीफ मिनिस्टर अली अमीन गंडापुर भी शामिल हुए और साथ ही पेशावर में अफगान महावाणिज्यदूत हाफिज मोहिबुल्लाह शाकिर भी आए.

घर में घुसकर पाकिस्तान की अफगानिस्तान ने कर दी 'सुपर बेइज्जती', मुंह दिखाने लायक नहीं रहे शहबाज

Pakistan-Afghanistan: पाकिस्तान कंगाली और बदहाली की कगार पर खड़ा एक ऐसा मुल्क है, जो अपनी इंटरनेशनल बेइजत्ती के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है. पाकिस्तान दुनिया का इकलौता ऐसा मुल्क है, जो कभी ड्रैगन के पास अपनी जमीन गिरवी रखता है. कभी वहां के पीएम अलग अलग मुल्क में कटोरा लेकर पहुंचते हैं. तो कभी अपनी इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए गधों का सहारा लेता है.

अफगानिस्तान ने कर दी पाकिस्तान की बेइज्जती

लेकिन इस बार पाकिस्तान की बेइजत्ती उसके ही मुल्क में हुई है. और ऐसा करने वाला है अफगानिस्तान. दरअसल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर में एक सरकारी कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें खैबर के चीफ मिनिस्टर अली अमीन गंडापुर भी शामिल हुए और साथ ही पेशावर में अफगान महावाणिज्यदूत हाफिज मोहिबुल्लाह शाकिर भी आए.

इस कार्यक्रम में पाकिस्तान का नेशनल एंथम बजाया गया तो अफगानिस्तान से आए प्रतिनिधियों ने खड़े होने से इनकार कर दिया. और राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया, इस खबर ने पाकिस्तानियों को नाराज कर दिया है.

सोफे पर फरमाते रहे आराम

इन मेहमानों के आस-पास पाकिस्तानी खड़े होकर नेशनल एंथम गाते रहे पर उनको सम्मान देने के बदले तालिबानी आराम से अपने सोफे पर जमे रहे. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें देखकर पाकिस्तानी गुस्से में लाल हो रहे हैं. पाकिस्तानियों को लगता है जिस तालिबान को उनकी सरकार ने पाल-पोसकर बड़ा किया, वही अब इस्लामाबाद का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते.

डिप्लोमैट को निकालने की हो रही डिमांड

पाकिस्तान के राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने को वहां के एक्सपर्ट्स प्रोटोकॉल उल्लंघन के साथ-साथ मेजबान देश के लिए अनादर दिखाने का तरीका बता रहे हैं. डिप्लोमेसी के नियम कायदों के मुताबिक किसी भी देश का प्रतिनिधि दूसरे देश में जाता है तो उनको सम्मान देता है. लेकिन तालिबान ने ऐसा नहीं किया.

अब तालिबानी डिप्लोमैट को पाकिस्तान से निकालने की डिमांड हो रही है. पेशावर में यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में टेंशन बहुत ज्यादा है. हालांकि सब जानते हैं कि पाकिस्तान कुछ कर पाएगा इसकी गुंजाइश ना के बराबर है.

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