Hindu Nationalist: तब नरेंद्र मोदी से मिलने से रोका गया था, लेकिन जब मिला तो... पूर्व ब्रिटिश पीएम ने बताया पूरा वाकया
PM Narendra Modi Curious Astral Energy: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने संस्मरण में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में ‘अजीब सूक्ष्म ऊर्जा’ है. जॉनसन ने पीएम मोदी से अपनी पहली मुलाकात और उस दौरान हुए अनुभवों को याद किया है.
Boris Johnson Praises PM Narendra Modi: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने संस्मरण में कहा है कि जब वे पहली बार लंदन में पीएम नरेंद्र मोदी से मिले थे, तो उन्हें 'उनकी अजीब सूक्ष्म ऊर्जा' महसूस हुई थी. जॉनसन ने कहा कि साल 2012 में लंदन के मेयर के रूप में भारत की अपनी पहली व्यापारिक यात्रा पर जाते वक्त विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) ने उन्हें एक हिंदू राष्ट्रवादी नरेंद्र मोदी से नहीं मिलने के लिए कहा था.
सिटी हॉल के बाहर पीएम मोदी से पहली बार यादगार मुलाकात
बोरिस जॉनसन ने अपनी किताब “अनलीशेड” में लिखा है कि शुरुआती निर्देशों के कुछ साल बाद जब वे सिटी हॉल के बाहर पीएम मोदी से पहली बार मिले, तो “उन्होंने मेरा हाथ उठाया और हिंदी में कुछ कहा, और मुझे उनकी अजीब सूक्ष्म ऊर्जा महसूस हुई.” जॉनसन की ओर से इतने साल पीएम मोदी के बारे में यादें और तारीफ जाहिर करने से दुनिया भर में चर्चा शुरू हो गई है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अप्रैल 2022 में भारत यात्रा की यादें
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपित व्लादीमीर पुतिन के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, बोरिस जॉनसन भारत को रूस से दूर करने के लिए अप्रैल 2022 में भारत आए थे. उन्होंने कहा कि उन्हें जो स्वागत मिला वह 'राज्य प्रायोजित बीटलमेनिया के एक सुनियोजित तांडव जैसा था.' उन्होंने कहा कि वे 'युद्ध के बाद भारत के पश्चिम के साथ गुटनिरपेक्षता के कारणों' और 'भारत की रूसी हाइड्रोकार्बन पर निर्भरता' को समझते हैं.
रूस और चीन को बताया निरंकुशता की जोड़ी, उठाए सवाल
अपनी किताब में रूस और चीन का जिक्र करते हुए बोरिस जॉनसन लिखते हैं, 'लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ कि क्या यह बदलाव, पुनर्विचार का समय नहीं था. क्या भारत वास्तव में निरंकुशता की इस जोड़ी के साथ जुड़ना चाहता था.' उन्होंने भारतीयों को बताया कि "रूसी मिसाइलें सांख्यिकीय रूप से टेनिस में उनके पहले सर्व से कम सटीक साबित हो रही थीं. क्या वे वास्तव में रूस को अपने सैन्य हार्डवेयर के मुख्य सप्लायर के रूप में रखना चाहते थे?"
ये भी पढ़ें - पीएम मोदी को दोस्त बता भारत की पॉलिसी पर उठाए सवाल, ट्रंप ने कहा- जवाबी कार्रवाई होगी
जॉनसन ने लिखा- तब कामयाब रही थी उनकी भारत की यात्रा
जॉनसन ने कहा कि उनकी भारत की यात्रा लगभग सफल रही. वे लिखते हैं, "रक्षा मंत्रालय की शंकाओं को दूर करते हुए, जो हमेशा भारत की रूस के साथ निकटता के बारे में चिंतित रहते हैं, हमने पनडुब्बियों से लेकर हेलीकॉप्टरों और समुद्री प्रणोदन इकाइयों तक सभी प्रकार की सैन्य तकनीक पर एक साथ काम करने पर सहमति जताई."
ये भी पढ़ें - Nobel Peace Prize: जापानी संगठन निहोन हिडांक्यो को नोबेल शांति पुरस्कार, 286 नोमिनेशन के बीच कैसे जीती बाजी?
क्वीन एलिजाबेथ के हवाले से जवाहरलाल नेहरू का भी जिक्र
जॉनसन ने सितंबर 2022 में बालमोरल में महारानी एलिजाबेथ के साथ उनके निधन से दो दिन पहले हुई एक निजी बातचीत का भी किताब में खुलासा किया है. उन्होंने उन्हें यूक्रेन युद्ध पर "रूसियों के साथ सख्त रुख अपनाने" के लिए भारत को मनाने में यूके सरकार द्वारा होने वाली काफी चर्चित कठिनाइयों के बारे में बताया और उन्होंने उन्हें कुछ ऐसा बताया जो जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें 1950 के दशक में बताया था. उन्होंने महारानी के हवाले से कहा, "उन्होंने मुझसे कहा कि भारत हमेशा रूस का साथ देगा और कुछ चीजें कभी नहीं बदलेंगी. वे बस ऐसी ही हैं."
तमाम खबरों पर नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Hindi News Today और पाएं Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी. देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और रहें अपडेटेड!