PM Modi Ukraine Tour: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड के दौरे पर हैं. इस देश में 45 साल बाद भारत के किसी प्रधानमंत्री का दौरान हैं. पीएम मोदी के इस दौरे पर दुनिया की नजर है, क्योंकि पोलैंड के बाद पीएम मोदी यूक्रेन जाएंगे और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे. पीएम मोदी 23 अगस्त को पोलैंड से ट्रेन के जरिए यूक्रेन जाएंगे. इसके लिए 10 घंटों तक ट्रेन में यात्रा करेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन की यात्रा पर जा रहा है. कीव और नई दिल्ली के बीच राजनयिक संबंध 30 साल पहले यानी 1994 में स्थापित हुए थे. मोदी की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध तेज हो गया है. ऐसे में पीएम मोदी की इस यात्रा के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नाराज हो सकते हैं.


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पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे से नाराज होंगे पुतिन?


तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा के लिए रूस को चुना था और पिछले महीने रूस गए थे. रूस पहुंचते ही पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी और दोनों एक-दूसरे से गले मिले थे. हालांकि, इसके बाद पश्चिमी मीडिया ने इसकी खूब आलोचना की थी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भी ये रास नहीं आया था. तब उन्होंने कहा था, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का दुनिया के सबसे खूनी अपराधी से मॉस्को में गले लगाना शांति स्थापित करने की कोशिशों के लिए बड़ी निराशा की बात है.'


रूस दौरे के करीब डेढ़ महीने बाद पीएम नरेंद्र मोदी यूक्रेन जा रहे हैं, जहां वो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात करें. इसके बाद सवाल उठ रहा है कि क्या पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नाराज हो सकते हैं? रिपोर्ट के अनुसार, कई लोगों का मानना है कि कि पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे से रूस असहज हो सकता है. वहीं, कुछ लोगों को कहना है कि जब पुतिन के चीन दौरे पर जाते हैं तब भारत भी बहुत सहज नहीं रहता है.


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यूक्रेन पर बड़ा हमल कर सकता है रूस


हाल ही में यूक्रेन ने दावा किया था कि उसने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में घुसकर हमला किया है और रणनीतिक लिहाज से अहम एक पुल को नष्ट कर दिया है. यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के कुछ इलाकों को अपने कब्जे में भी ले लिया है. ऐसे में रूस एक बार फिर यूक्रेन पर बड़े हमले कर सकता है. वहीं, दूसरी तरफ रूस ने दावा किया है कि उसने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण लाजिस्टक हब माने जाने वाले पूर्वी यूक्रेन के नियू-यार्क पर कब्जा कर लिया है और इससे डोनेस्क रीजन पर कब्जा करने में मदद मिलेगी.


क्यों यूक्रेन जा रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी?


रूस और यूक्रेन के बीच लगातार तनाव बना हुआ है, ऐसे में सवाल है कि पीएम नरेंद्र मोदी आखिर ऐसे समय में क्यों यूक्रेन जा रहे हैं. इसको लेकर विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है. भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल से जब सवाल किया गया कि क्या पिछले महीने रूस दौरे के बाद पश्चिमी देशों में हुई आलोचना के कारण पीएम मोदी यूक्रेन दौरे पर जा रहे हैं. इस पर तन्मय लाल ने कहा कि ये किसी एक का फायदा और दूसरे का नुकसान जैसा मामला नहीं है.
 
तन्मय लाल ने कहा, 'भारत के रूस और भारत के यूक्रेन से मजबूत और स्वतंत्र संबंध हैं. इन दोनों का अपना-अपना अस्तित्व है. ये किसी एक का फायदा और दूसरे का नुकसान जैसा मामला नहीं है. पीएम नरेंद्र मोदी रूस दौरे पर गए थे, तब कई मुद्दों पर बात हुई थी. फिर पीएम मोदी ने जेलेंस्की से भी कई मौकों पर मुलाकात की है. अब दोनों नेता यूक्रेन में मिल रहे हैं. अभी जारी संघर्ष के बारे में भी बात होगी.'


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क्या पीएम मोदी युद्ध रोकने पर करेंगे बात?
 
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से चल रहे युद्ध पर भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर तन्मय लाल ने कहा, 'भारत ने बहुत स्पष्ट स्थिति बनाई हुई है. कूटनीति और बातचीत से इस संघर्ष को सुलझाया जा सकता है. इससे स्थायी शांति स्थापित हो सकती है, इसलिए बातचीत बहुत जरूरी है. स्थायी शांति केवल उन विकल्पों के माध्यम से हासिल की जा सकती है, जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों. इसका समाधान केवल बातचीत से ही हो सकता है.'


क्यों महत्वपूर्ण है पीएम मोदी की पोलैंड यात्रा?


पीएम मोदी आज पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन से मुलाकात करेंगे और फिर पोलैंड के पीएम के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पोलैंड में बीते 45 सालों में किसी भारतीय पीएम ने अपना पांव नहीं रखा है. विदेश मंत्रालय ने ये भी बताया कि पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने मोदी को अपने देश आने का निमंत्रण दिया था. मोदी के दौरे को लेकर वहां के नागरिक बेहद खुश हैं. ये वही देश है जिसने साल 2022 में यूक्रेन और रूस की जंग में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाने में काफी सहायता की थी.