नई दिल्‍ली : इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी (Qasem Soleimani) इराक (Iraq) की अमेरिकी हमले में मौत का बदला लेने के लिए ईरान (Iran) द्वारा बुधवार को इराक में अमेरिकी सैन्‍य ठिकानों को निशाना बनाया गया. यहां ईरान ने इराक में अमेरिकी एयरबेस अल असद और इरबिल पर दर्जनभर से अधिक मिसाइलों से हमला कर दिया. इसी बीच ईरान ने बताया है कि जब इराक में मेजर जनरल कासिम सुलेमानी पर अमेरिका द्वारा ड्रोन से हमला किया तो वह ईरान का संदेश लेकर सऊदी अरब ला रहे थे.


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ईरान की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा कि गया कि कासिम सुलेमानी सऊदी अरब से तनाव कम करने के लिए जा रहे थे. वे सऊदी अरब मध्‍य‍स्‍थता के लिए जा रहे थे. उनके पास ईरानी सरकार का संदेश था. 



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उल्‍लेखनीय है कि इराक में अमेरिकी बेस पर ईरान के हमले के बाद वहां की मीडिया ने बड़ा दावा किया है. स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक कम से कम 15 मिसाइलों से हमला किया गया. इस हमले में 80 लोग मारे गए और अमेरिका के कई विमानों में आग लग गई. इसके साथ ही ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन अपनी रक्षा करेंगे. हमने आत्‍मरक्षा में हमला किया. उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ने कायर की तरह हमला कर हमारे नागरिकों और सैनिकों को मारा. यूएन के चार्टर 53 के तहत ये हमला किया गया. वहीं इराकी सेना ने इस मसले पर कहा है कि 22 मिसाइलें दागी गईं. हमले में इराक के किसी सैनिक की मौत नहीं हुई.


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गौरतलब है कि मध्य इराक में बुधवार सुबह (स्थानीय समयानुसार) अल असद एयरबेस पर ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया. पिछले सप्ताह अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलमानी मारे गए थे, जिसके बाद से अमेरिका और ईरान के रिश्तों में तल्खी बढ़ गई है. उसके बाद यह ईरान द्वारा पहली बार किया गया जवाबी हमला है.