Rajnath Singh Mongolia Visit: कहानी `बाहुबली` मंगोलियाई घोड़ों की, जिन पर बैठकर Changez Khan ने लगा दिए थे लाशों के ढेर
Specialities of Mongalian Horse: अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री (एएमएनएच) के अनुसार मंगोलिया को घोड़ों की भूमि के रूप में जाना जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक में मंगोलिया में 30 लाख घोड़े हैं. जबकि 2020 में यह संख्या 33 लाख थी.
India-Mongolia Ties: मंगोलिया. भारत से करीब 3062 किलोमीटर दूर रूस और चीन के बीच चारों ओर जमीन से घिरा चंगेज खान का देश. वो चंगेज खान जिसकी दुनिया के 22 प्रतिशत हिस्से पर हुकूमत थी. जिसकी लाल सुर्ख आंखें जिस इलाके पर पड़ती थीं, वो कुछ ही वक्त में उसके कदमों में नजर आता था. उसके घोड़ों की टापों से ही दुश्मनों के होश फाख्ता हो जाते थे. जिस रास्ते से उसकी सेना गुजरती थी, वहां लाशों के ढेर लग जाते थे.
चंगेज खान के लड़ाके सैकड़ों मील तक घोड़ों पर ही निकल पड़ते थे. चंगेज खान की फौज सिंधु नदी तक घोड़ों के सहारे ही आई थी. मंगोलियाई घोड़ों के बारे में तो यहां तक कहा जाता है कि बिना इनके मंगोल बिना पंख के पक्षी हैं. अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री (एएमएनएच) के अनुसार मंगोलिया को घोड़ों की भूमि के रूप में जाना जाता है. लेकिन आज हम बात मंगोलियाई घोड़ों की क्यों कर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं.
दरअसल, मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को मंगोल नस्ल का युवा घोड़ा तोहफे में दिया है. हालांकि, सांकेतिक उपहार होने के नाते मंगोलिया में ही रहेगा. परंपरा के मुताबिक सात साल के इस घोड़े को 'तेजस' नाम दिया गया है.
मंगोलिया में तेजी से बढ़ रहा हॉर्स कल्चर
मंगोलिया में हॉर्स कल्चर जोर पकड़ रहा है. जब भी कोई विदेशी मेहमान मंगोलिया की धरती पर आता है तो वे उसे अपनी सबसे प्यारी चीज बतौर तोहफे में देते हैं. एक रिपोर्ट कहती है कि इस देश में 30 लाख घोड़े हैं. जबकि 2020 में यह संख्या 33 लाख थी.
राजनाथ सिंह ने शेयर की फोटो
रक्षामंत्री ने ट्विटर पर उपहार में मिले इस घोड़े की तस्वीर साझा की. एक तस्वीर में वह घोड़े का सिर सहलाते नजर आ रहे हैं जबकि दूसरी तस्वीर में वह उपहार के साथ घोड़े की तस्वीर के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. इस दौरान उनके साथ राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख नजर आ रहे हैं और एक व्यक्ति लाल रंग की पारंपरिक पोशाक में दिखाई दे रहा है. ये ड्रेस कुछ-कुछ वैसी ही है, जैसे चंगेज खान के समय की कल्पना की जाती है. चंगेज खान की पेंटिंग्स में भी उसे इसी तरह की पोशाक में दिखाया जाता है.
मंगोलियाई घोड़ों की खासियत
मंगोलियाई घोड़ों को मोरी भी कहा जाता है. ये इतने ताकतवर होते हैं कि पूरे साल घूमते रहते हैं. चाहे कितनी की ठंड हो या गर्मी हो, ये हर में बाहर ही चरते हैं. चंगेज खान के वक्त से ही इन घोड़ों का रिश्ता रहा है.
पीएम मोदी को मिला था घोड़ा
पीएम मोदी जब 2015 में मंगोलिया गए थे, तो वहां उनको भूरे रंग का घोड़ा तोहफे में मिला था. दोनों देशों की मित्रता में घोड़ा का किरदार अहम है. संयुक्त डाक टिकट पर घोड़ा भी नजर आया था. पहले पीएम पंडित नेहरू को मंगोलिया के तत्कालीन प्रमुख ने तीन घोड़े तोहफे में दिए थे.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर