Kremlin Drone Attack: रूसी अधिकारियों ने बुधवार को आरोप लगाया कि यूक्रेन ने बीती रात राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या के प्रयास में क्रेमलिन पर दो ड्रोन से हमला किया. लेकिन अब इस दावे पर सवाल उठने लगे हैं. कई लोगों को यह लग रहा है कि यूक्रेन में इतनी क्षमता नहीं कि वह क्रेमिलन पर हमला कर सके. ऐसा मानने वाले लोगों को कहना है कि यूक्रेन कभी नहीं चाहेगा कि वह पुतिन को सीधी चुनौती दे.


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वहीं क्रेमलिन ने कथित हमले के प्रयास को ‘आतंकवादी कृत्य’ करार दिया और कहा कि रूसी सेना और सुरक्षाबलों ने हमले से पहले ही दोनों ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया. क्रेमलिन के बयान में कहा गया, रूस ‘जब और जहां उचित समझे’जवाब देने का अधिकार रखता है. दूसरी तरफ कीव ने हमले में किसी भी तरह का हाथ होने से स्पष्ट रूप से इनकार किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की ने भी सफाई देते हुए कहा है कि हमने पुतिन पर हमला नहीं किया है. हमारे पास तो इतने हथियार ही नहीं हैं. हम सिर्फ अपनी जमीन की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं.


 


रुस का  ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ 
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या क्रेमलिन पर हमले का दावा रूस की सोची समझी चाल तो नहीं है. कुछ लोग इसे ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ बता रहे हैं. यानी एक एक ऐसी सैन्य कार्रवाई जहां एक देश चोरी-छिपे, जानबूझकर अपनी संपत्ति, आम लोग या सैनिकों के ऊपर हमला करता है लेकिन दावा यह करता है कि हमला दुश्मन देश ने किया है और इस तरह शत्रु देश पर आक्रमण का बहाना खोज लेता है.


रूस चहेगा युद्ध जल्दी खत्म करना
रूस को यूक्रेन पर हमला किए करीब डेढ़ साल हो गए और वह वैसी सफलता हासिल नहीं कर सका है जिसकी उसे उम्मीद थी. जबकि उसे भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में यह मुमकिन है कि रूस चाह रहा हो यूक्रेन के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाया जाए और इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म किया जाए. कई पश्चिमी देश पहले भी यह दावा कर चुके हैं कि रूस यूक्रेन पर परमाणु हमले करने के बहाने खोज रहा है.