Russia election 2024 voting: रूस में 15 मार्च से राष्ट्रपति चुनाव की शुरुआत हो चुकी है. रूस में 15-17 मार्च को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. इस बार भी हमेशा की तरह पुतिन पांचवीं बार अपनी सत्ता को बचाने में कामयाब रहेंगे. और लगातार पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति बनने वाले हैं.


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71 साल के पुतिन के राजनैतिक विरोधी इस समय या तो जेल में हैं या देश छोड़ चुके हैं. रूस में पिछले 25 सालों से व्लादिमीर पुतिन को कोई नहीं हरा पाया है, इस बार पुतिन के सामने तीन उम्मीदवार हैं जो उनको हराने का दावा कर रहे हैं. लेकिन रूस के मौजूदा हालात को देखते हुए उनको हरा पाना किसी के लिए मुश्किल होगा. 


स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन(VLADIMIR PUTIN) के अलावा, उम्मीदवारों में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDPR) के लियोनिद स्लटस्की, कम्युनिस्ट पार्टी के निकोलाई खारितोनोव और न्यू पीपल पार्टी के व्लादिस्लाव दावानकोव शामिल हैं. लोगों में इस बात को जानने की भी उत्सुकता है कि पुतिन के सामने खड़े होने की हिम्मत करने वाले ये नेता कौन हैं. आइये जानते हैं पुतिन के सामने खड़े होने वाले उम्मीदवार कौन हैं…


व्लादिस्लाव दावानकोव (VLADISLAV DAVANKOV)
व्लादिस्लाव दावानकोव न्यू पीपल पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में हैं. 40 साल दावाकोव एक पूर्व बिजनेसमैन हैं और 2021 से स्टेट ड्यूमा के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने अपने चुनाव अभियान के दौरान यूक्रेन के साथ शांति और बातचीत, प्रेस की आजादी और पश्चिमी देशों के साथ रूस के संबंधों को सामान्य बनाने की वकालत की है. दावानकोव कहते हैं कि लोग शांतिपूर्ण देश में रहना चाहते हैं और पुतिन के जंग को जारी रखने की मुखाल्फत करते हैं.


लियोनिद स्लटस्की (LEONID SLUTSKY)
56 साल के स्लटस्की दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी LDPR के प्रमुख हैं. स्लटस्की 2000 से स्टेट ड्यूमा के सदस्य हैं, इनका नाम कई घोटालों में आ चुका है. साल 2014 में क्रीमिया के कब्जे के समर्थन के लिए पश्चिम देश ने उनपर प्रतिबंध भी लगाया था. इसके अलावा उनपर 2018 में पत्रकारों के यौन उत्पीड़न का आरोप भी लग चुका है. उन्होंने चुनाव प्रचार में कहा है, “मेरे चुनाव में खड़े होने का मुख्य लक्ष्य युद्ध में रूस को अंतिम और जल्दी जीत दिलाना है.”


निकोलाई खारितोनोव (NIKOLAI KHARITONOV)
75 साल के खारितोनोव चुनाव में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं. कम्युनिस्ट खारितोनोव 1993 से राज्य ड्यूमा के सदस्य और 2004 में राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ चुके हैं. इस चुनाव में उनको करीब 13 फीसदी वोट मिले थे. खारितोनोव ने कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं, उनके इलेक्शन एजेंडे में पेंशन की उम्र कम करना, पेंशन का भुगतान बढ़ाने और बड़े परिवारों का साथ देना शामिल है. इसके अलावा उन्होंने वर्ल्ड ट्रेड ऑरगेनाइजेशन, IMF और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठ से रूस के सदस्यता खत्म करने का भी सुझाव दिया है. खारितोनोव का मानना है, ये संगठन रूस की आर्थिक संप्रभुता को कमजोर कर रहे हैं.

पुतिन ने लोगों से की वोट डालने की अपील
राष्ट्रपति पुतिन ने रूसियों से सक्रिय रूप से भाग लेने और मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा, ‘एक साथ आगे बढ़ने के लिए हमारी एकता और दृढ़ संकल्प की पुष्टि करना आवश्यक है. आपका प्रत्येक वोट मूल्यवान और महत्वपूर्ण है. इसलिए, मैं आपसे अगले तीन दिनों में अपने वोट के अधिकार का प्रयोग करने की अपील करता हूं’ पुतिन ने कहा, ‘सभी मतदान केंद्र खुले रहेंगे. शहर, कस्बे और गांव, रूसियों को याद दिलाते हैं कि वे एक परिवार हैं.’  तास समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने एक रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में यह सब बातें कही हैं. 


रूस का चुनाव दिखावा, सब एक तरफ पु‌तिन के लिए होता है
चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए स्वतंत्र निगरानीकर्ताओं की क्षमता गंभीर रूप से सीमित है. केवल पंजीकृत उम्मीदवारों या राज्य समर्थित सलाहकार निकायों को मतदान केंद्रों पर पर्यवेक्षकों को नियुक्त करने की अनुमति है. वाशिंगटन में सेंटर फॉर यूरोपियन पॉलिसी एनालिसिस में डेमोक्रेटिक रेजिलिएंस के निदेशक सैम ग्रीन ने कहा, ‘पूरे रूस में चुनाव एक दिखावा है. क्रेमलिन नियंत्रित करता है कि मतपत्र पर कौन है. क्रेमलिन नियंत्रित करता है कि वे कैसे प्रचार कर सकते है.’


नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने भी कहा कि ‘रूस में मतदान स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं होगा.’ उन्होंने कहा, ‘हम पहले से ही जानते हैं कि विपक्षी राजनेता जेल में हैं, कुछ मारे गए हैं, और कई निर्वासन में हैं, और वास्तव में जिन लोगों ने उम्मीदवार के रूप में पंजीकरण कराने की कोशिश की थी, उन्हें उस अधिकार से वंचित कर दिया गया है.’