रियाद: तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक के महत्वपूर्ण भागीदार सऊदी अरब ने कहा है कि ड्रोन हमले के बाद उसने बड़ी पाइपलाइन से कच्चे तेल का प्रवाह रोक दिया है. यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के अहम प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का दावा किया है. ऊर्जा मंत्री खालिद अल फालिह ने कहा कि मंगलवार तड़के लाल सागर की ओर से तेल संपन्न पूर्वी प्रांत होकर गुजरने वाली पाइपलाइन पर दो पम्पिंग स्टेशनों को निशाना बनाया गया. इस महत्वपूर्ण पाइपलाइन से रोजाना कम से कम पचास लाख बैरल तेल की आपूर्ति की जाती है.


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सरकारी न्यूज एजेंसी एसपीए ने फालिह के हवाले से बयान में कहा है कि सऊदी की सरकारी तेल कंपनी अरामको ने एहतियाती उपाए किए हैं और पाइपलाइन के संचालन को अस्थायी तौर पर रोक दिया है. हालात का आकलन किया जा रहा है और प्रभावित पंप स्टेशनों के परिचालन को बहाल करने पर काम किया जा रहा है.


1200 किलोमीटर की इस पाइपलाइन के जरिए सऊदी अरब के पूर्वी हिस्से में मुख्य तेल क्षेत्र से पश्चिम में लाल सागर के किनारे बसे शहर यानबू तक कच्चे तेल को भेजा जाता है. यमन के हूती विद्रोहियों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने ड्रोन के जरिए सऊदी अरब के कई ठिकानों को निशाना बनाया है.